UNSC: विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया बयान, कहा-'UNSC में भारत को मिलेगी स्थायी सदस्यता,'

UNSC: विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया बयान, कहा-'UNSC में भारत को मिलेगी स्थायी सदस्यता,'
Last Updated: 06 अप्रैल 2024

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अपने बयानों में कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में इस बार स्थायी सीट जरूर मिलेगी। पूरी दुनिया में आज भारत के पक्ष का माहौल बन रहा है।

Gujrat, Rajkot: भारत को लेकर लंबे समय से सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट देने की बात होती रही है। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई भी बड़ा कदम नहीं उठाया गया है। लेकिन, अब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बारे में बड़ा दावा करते हुए मंगलवार (2 अप्रैल) को सभा में कहा है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता की उपलब्धि जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश को इस बार कड़ी मेहनत और अतिरिक्त प्रयास करना होगा।

सदस्यता के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी

subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, गुजरात के राजकोट शहर में बातचीत के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पूरी दुनिया में इस बार चर्चा कि भारत को UNSC स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए। S. जयशंकर ने दावा किया कि हम निश्चित रूप से भारत को स्थायी सदस्यता दिलवाएंगे, लेकिन बिना परिश्रम के कुछ हासिल नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि हमें कठिन परिश्रम और इस बार कड़ी मेहनत के साथ अतिरिक्त प्रयास भी करना होगा।

सयुंक्त राष्ट्र संघ की डोर 5 देशों के हाथ में

उन्होंने कहा कि सयुंक्त राष्ट्र की स्थापना लगभग 80 साल पहले हुई थी, जिसमें चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने आपस में स्थायी सदस्य बनने का आपसी फैसला कर लिया था। बताया जा रहा है कि उस समय दुनिया में स्वतंत्र देशों की संख्या 50 थी, जो अब बढ़कर 193 हो गई हैं। हालांकि, अजीब बात है कि, 5 देशों ने मिलकर UN पर नियंत्रण रखा और किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए उन्हीं पांचों से मंजूरी ली जा रही है कि सुरक्षा परिषद में बदलाव होना चाहिए या नहीं। यह कई सालों से चला रहा है।

स्थायी सदस्य बनने की पूरी संभावना

विदेश मंत्री S. जयशंकर ने जानकारी दी है कि भारत, मिस्र, जापान और जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र के सामने मिलकर एक प्रस्ताव रखा है। जिसे देखकर लगता है कि इस मामले थोड़ा आगे बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, जयशंकर ने ये भी कहा कि हमें इस बात पर दबाव बनाना चाहिए और जब यह दबाव बढ़ेगा तो दुनिया में यह भावना पैदा होती है कि संयुक्त राष्ट्र (UN) कमजोर हो गया है। उन्होंने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र में गतिरोध था और साथ ही गाजा के संबंध में UN के सदस्य देशों में कोई आम सहमति नहीं बन पाई। जैसे-जैसे यह भावना आगे बढ़ेगी, वैसे ही भारत को स्थायी सदस्य बनने  की संभावना भी बढ़ेगी।

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