UP By Election: यूपी में कांग्रेस को एक बार फिर ताकतवर बनाने की योजना, भाजपा के साथ-साथ अन्य पार्टीयों की सीसामऊ सीट पर तैयारी शुरू

UP By Election: यूपी में कांग्रेस को एक बार फिर ताकतवर बनाने की योजना, भाजपा के साथ-साथ अन्य पार्टीयों की सीसामऊ सीट पर तैयारी शुरू
Last Updated: 20 अगस्त 2024

लोकसभा चुनाव में जोरदार वापसी के बाद कांग्रेस (Congress) उत्तर प्रदेश में अपनी खोई हुई राजनीतिक ताकत को पुनः प्राप्त करने में लगी हुई है। अब वह सीसामऊ सीट पर होने वाले उपचुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत अपनी दावेदारी पेश कर सकती है। यहां मतों के आंकलन के बाद नेतृत्व तक बात पहुंचाई गई है। कांग्रेस की ओर से इस सीट पर नियुक्त किए गए प्रभारी सांसद किशोरी लाल शर्मा के आगमन का इंतजार किया जा रहा है।

New Delhi: लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद, कांग्रेस ने वर्षों से खोई हुई राजनीतिक ताकत को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। सबसे पहला कदम विधानसभा उपचुनाव में सीसामऊ सीट पर उठाया जा सकता है। यहां मतों के विश्लेषण से लेकर नेतृत्व तक की बात पहुंचाई जा चुकी है। कांग्रेस के द्वारा नामित प्रभारी सांसद किशोरी लाल शर्मा के आगमन का इंतजार किया जा रहा है। अंदरूनी तैयारी के तहत तैयार किए गए रोडमैप को प्रभारी के सामने पेश कर, कांग्रेस अपनी मजबूती को दर्शाने की योजना बना रही है।

विधानसभा चुनावों में सभी पार्टियां सक्रिय

फ़िलहाल, विधानसभा उपचुनावों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन भाजपा के साथ-साथ सपा, कांग्रेस और बसपा की सीसामऊ विधानसभा सीट पर तैयारी जोरों पर है। भाजपा ने यहां अपने मजबूत नेताओं को उतारा है। सपा ने भी अपने प्रभारी का चयन कर लिया है। वहीं, कांग्रेस ने गांधी परिवार के नजदीकी किशोरी लाल शर्मा को इस क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है। बसपा भी इस चुनावी मैदान में सक्रिय रूप से जुटी हुई है।

सपा पार्टी हुई कमजोर

कांग्रेस और सपा आइएनडीआइए (I.N.D.I.A) का हिस्सा हैं, लेकिन इनके बीच मतभेद स्पष्ट रूप से नजर रहे हैं। पहले सपा ने और फिर कांग्रेस ने अपने प्रभारी घोषित किए। कांग्रेस के समर्थक नेतृत्व तक यह संदेश पहुंचा रहे हैं कि इस सीट पर 2022 में विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) ने 11 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। उनके जेल जाने के बाद उपचुनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। इसी बीच, 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार आलोक मिश्र ने यहां भाजपा पर 27 हजार वोटों की बढ़त बनाई।

इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि उन्हें हर समुदाय का समर्थन प्राप्त हुआ। यह दावा किया जा रहा है कि इरफान के जेल जाने के कारण सपा यहां कमजोर हुई है। इसलिए कांग्रेस पूरी ताकत से मुकाबला करेगी। इसी तर्क को प्रभारी को समझाने की कोशिश की जा रही है।

कांग्रेस ने सीसामऊ में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन

शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी, नरेश चंद्र त्रिपाठी, दिलीप बाजपेई, लल्लन अवस्थी, पूर्व विधायक संजीव दरियाबादी सहित एक दर्जन से अधिक दावेदार यहां सक्रिय हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) नेतृत्व ने इरफान के परिवार से किसी एक व्यक्ति को चुनावी मैदान में उतारने की स्पष्ट मंशा जाहिर कर दी है।

पीसीसी सदस्य संदीप शुक्ल का कहना है कि कांग्रेस ने सीसामऊ में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, इसलिए पार्टी का दावा बनता है। शहर अध्यक्ष नौशाद भी नेतृत्व से निर्देशों की बात कहकर इस बात को और मजबूती प्रदान करते हैं। उनका मानना है कि पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है। उनका कहना है कि गठबंधन धर्म का पालन प्राथमिकता है, लेकिन नेतृत्व के निर्देश पर संगठन निर्णय लेगा।

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