UPPCL: सोलर प्लांट से खेतों में पैदा होगी बिजली, किसान कर सकेंगे करोड़ों की कमाई; PM कुसुम योजना के तहत सरकार देगी अनुदान राशि

UPPCL: सोलर प्लांट से खेतों में पैदा होगी बिजली, किसान कर सकेंगे करोड़ों की कमाई; PM कुसुम योजना के तहत सरकार देगी अनुदान राशि
Last Updated: 03 सितंबर 2024

यूपी सरकार किसानों को हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पीएम कुसुम योजना के तहत भारी भरकम अनुदान प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत, किसान अपने खेतों में सोलर प्लांट स्थापित कर सकते हैं, जिससे वे बिजली पैदा कर इसे ग्रिड में बेच सकते हैं।

लखनऊ: हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की इस पहल के तहत, सरकार किसानों को खेतों में सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। पीएम कुसुम योजना के तहत, किसानों को सोलर प्लांट्स के लिए केंद्र सरकार 1.05 करोड़ रुपये और राज्य सरकार 50 लाख रुपये प्रति मेगावाट अनुदान प्रदान कर रही है। इस अनुदान से किसानों को सोलर पैनल स्थापित करने की लागत कम करने में मदद मिलती है, जिससे वे अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ अतिरिक्त बिजली ग्रिड में बेचकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को भी प्रोत्साहित करती हैं।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना किसानों के लिए है लाभकारी

यूपीनेडा ने पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों से सोलर प्लांट लगाने के लिए आवेदन मांगे हैं, जो 19 सितंबर तक दिए जा सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य कृषि फीडरों को सोलर बिजली घर से जोड़ना है। यूपीनेडा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि पहली बार पीएम कुसुम सी योजना में किसानों को सीधे शामिल होने का अवसर दिया जा रहा है। इससे पहले, यह योजना केवल किसान संगठनों और एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) तक सीमित थी।

इस योजना के तहत जो किसान सोलर प्लांट लगाएंगे, उनका उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया जाएगा। यह अनुबंध अगले 25 वर्षों तक मान्य होगा, जिसके तहत यूपीपीसीएल सोलर प्लांट से उत्पन्न बिजली खरीदेगी। योजना के अंतर्गत, किसान 0.5 मेगावाट से 15 मेगावाट तक के सोलर प्लांट लगा सकते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय का स्रोत मिल सकता है और राज्य में हरित ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।

पीएम कुसुम योजना को तीन श्रेणी में किया विभाजित

यह योजना न केवल किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बनती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में हरित ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा देती है। इससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है, क्योंकि सौर ऊर्जा का उपयोग पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की तुलना में अधिक स्वच्छ और स्थायी है। केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जो किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं...

1. पीएम कुसुम ए: इस श्रेणी के तहत बंजर और अनुपयोगी भूमि पर मिनी ग्रिड लगाने का प्रावधान है। इसका उद्देश्य ऐसी भूमि को उपयोग में लाना है जो कृषि के लिए उपयुक्त नहीं है, ताकि वहां सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन किया जा सके।

2. पीएम कुसुम बी: इस श्रेणी का उद्देश्य डीजल सिंचाई पंपों को ऑफग्रिड सौर पंपों में बदलना है। इससे किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा प्राप्त होगी, जिससे डीजल के उपयोग में कमी आएगी और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन भी कम होगा।

3. पीएम कुसुम सी: इस श्रेणी के तहत एग्रीकल्चर सोलर के लिए मिनीग्रिड लगाए जाते हैं। किसान अपने खेतों में सोलर प्लांट लगाकर बिजली का उत्पादन कर सकते हैं और उसे ग्रिड में बेच सकते हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि उन्हें बिजली की लागत में भी बचत होगी।

 

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