UPPSC Exam: स्टूडेंट्स का हल्लाबोल! प्रयागराज से दिल्ली तक 'वन डे-वन शिफ्ट' की गूंज, जानें क्यों उबल रहा है छात्रों का गुस्सा

UPPSC Exam: स्टूडेंट्स का हल्लाबोल! प्रयागराज से दिल्ली तक 'वन डे-वन शिफ्ट' की गूंज, जानें क्यों उबल रहा है छात्रों का गुस्सा
Last Updated: 2 दिन पहले

विवाद की शुरुआत 1 जनवरी 2024 को हुई, जब UPPSC ने PCS प्रीलिम्स परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया। हालांकि, तीन बार घोषणा के बावजूद परीक्षा आयोजित नहीं की गई, जिससे छात्र सरकार और आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे।

UPPSC Exam: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग के बाहर सैकड़ों छात्र पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के मुखर्जी नगर में भी यह विरोध जारी है। छात्र "एक दिन, एक शिफ्ट, नॉर्मलाइजेशन नहीं" की मांग कर रहे हैं।

यह विरोध धीरे-धीरे अन्य शहरों तक फैल रहा है। सवाल उठता है कि आखिर छात्र किस मांग को लेकर इतने आक्रोशित हैं? यूपी से लेकर दिल्ली तक UPSC उम्मीदवार सड़कों पर क्यों उतर आए हैं और आयोग के फैसले का विरोध क्यों कर रहे हैं?

1. कहां से शुरू हुआ विवाद?

1 जनवरी 2024 को UPPSC ने अपर सब-ऑर्डिनेट सर्विस (PCS) प्रीलिम्स एग्जाम का नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें परीक्षा की तारीख 17 मार्च 2024 तय हुई। हालांकि, परीक्षा स्थगित कर दी गई। इसके बाद 3 जून को एक और नोटिफिकेशन में परीक्षा की नई तारीख 27 अक्टूबर दी गई। लेकिन यह परीक्षा भी तय तारीख पर नहीं हुई। 5 नवंबर को जारी तीसरे नोटिफिकेशन के बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा।

2. RO/ARO परीक्षा विवाद से बढ़ा आक्रोश

11 फरवरी को RO/ARO परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने की खबर आई। सेंटर पर हंगामे के बाद सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया कि छह महीने में परीक्षा दोबारा कराई जाए। लेकिन अब तक यह परीक्षा आयोजित नहीं हुई।

3. परीक्षा के तरीके पर उठे सवाल

UPPSC ने दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाने की घोषणा की। आयोग ने पर्सेंटाइल स्कोर निकालने के लिए एक फॉर्मूला भी सार्वजनिक किया, जिससे छात्र असंतुष्ट हैं।

4. क्या है नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया?

नॉर्मलाइजेशन के तहत, एक उम्मीदवार का प्रतिशत स्कोर इस आधार पर निकाला जाता है कि उसके बराबर या उससे कम अंक पाने वाले कितने उम्मीदवार हैं। इस संख्या को कुल उम्मीदवारों की संख्या से विभाजित कर 100 से गुणा किया जाता है।

5. क्यों नहीं चाहते छात्र दो शिफ्ट परीक्षा?

दो शिफ्ट परीक्षा में पेपर की कठिनाई का स्तर अलग-अलग होता है। नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया से अंकों को संतुलित करने का दावा किया गया है, लेकिन छात्रों को लगता है कि यह उनके वास्तविक प्रदर्शन को सही ढंग से नहीं दिखाता।

6. क्या चाहते हैं छात्र?

छात्र "एक दिन, एक शिफ्ट" परीक्षा प्रणाली की मांग कर रहे हैं ताकि सभी के लिए समान परीक्षा हो और नॉर्मलाइजेशन की आवश्यकता पड़े। उनके प्रदर्शन को सही तरीके से आंकने के लिए यह कदम आवश्यक है। 

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