लोकसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक की जांच के लिए गठित समिति के कार्यकाल को बजट सत्र 2025 के अंतिम दिन तक बढ़ाने की मंजूरी दी है। इस विस्तार के तहत, समिति अब राज्य प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य दर्ज करने के लिए बैठकें आयोजित करेगी।
नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर बनी संयुक्त संसदीय समिति राज्यों के प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य रिकॉर्ड करने के लिए आगामी 26 और 27 दिसंबर को बैठकें आयोजित करेगी। 26 दिसंबर को कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान के प्रतिनिधियों के सुझाव लिए जाएंगे, जबकि 27 दिसंबर को उत्तर प्रदेश, ओडिशा और दिल्ली के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श किया जाएगा। इससे पहले गुरुवार को समिति ने लखनऊ और राजस्थान से आए मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के पूर्व कुलपति प्रोफेसर माहरुख मिर्जा और राजस्थान वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सैयद अबू बकर नकवी ने अपने संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत किए, जिन पर गहन चर्चा हुई। समिति ने इन मुद्दों पर उनके विचार जानने के साथ-साथ सांसदों द्वारा कई सवाल भी पूछे। इससे पहले बुधवार को ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों से भी विधेयक पर चर्चा की गई थी।
जेपीसी का कार्यकाल बढ़ा
वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का कार्यकाल बजट सत्र 2025 के अंतिम दिन तक बढ़ा दिया गया है। लोकसभा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पहले समिति को इस सप्ताह के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी, लेकिन विधेयक पर व्यापक चर्चा और राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श की आवश्यकता के कारण कार्यकाल विस्तार की आवश्यकता महसूस की गई। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि सभी सदस्य कार्यकाल बढ़ाने के निर्णय पर सहमत थे, ताकि विधेयक पर गहन समीक्षा और सटीक रिपोर्ट तैयार की जा सके।