उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर उत्तर पूर्व भारत तक, मानसून की वापसी से पहले तेज बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने शुक्रवार को कई जिलों में भारी वर्षा के लिए एक आरेंज अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से एक व्यक्ति की जान चली गई है। वहीं, बिहार में अगले 24 घंटों के लिए भारी बारिश के संबंध में आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
Uttrakhand: उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर उत्तर पूर्व भारत तक, मानसून के लौटने से पहले हुई तेज बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हिमाचल प्रदेश में एक सप्ताह तक मौसम साफ रहने के बाद बुधवार रात को बादल फटने के कारण एक व्यक्ति की जान चली गई, और फसलों को भी व्यापक नुकसान हुआ है।
उत्तराखंड में भी बारिश और भूस्खलनों के चलते चारधाम यात्रा मार्ग लगातार बाधित हो रहे हैं। इसके अलावा, बिहार और सिक्किम में भी बारिश के कारण समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने शुक्रवार को कई जिलों के लिए भारी बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया है।
सिरमौर में फटा बादल
हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात और गुरुवार सुबह हुई जोरदार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा में एक व्यक्ति की जान भी गई है। पांवटा साहिब के कांडो कंसार के जंगल में बुधवार रात लगभग एक बजे बादल फटने से जल और भारी मलबा पड़दूनी गांव तक पहुंच गया। यहां के निवासियों को अपनी जान बचाने के लिए अपने घरों की छतों पर चढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस मलबे के कारण लगभग 500 एकड़ में फैले धान के खेत बर्बाद हो गए हैं। वहीं, पंचभइया के खड्ड में बाढ़ आने से 1000 बीघा धान की फसल भी नष्ट हो गई है। इसके अलावा, बाता नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे पुल का पानी से छूने की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
गिरी नदी के जलस्तर में वृद्धि के चलते गुरुवार सुबह 4:12 बजे जटोन बैराज के चार फ्लड गेट खोल दिए गए। सिरमौर जिले के धौलाकुआं में सितंबर 2010 से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में अब तक की सबसे अधिक 275 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
बदरीनाथ हाईवे पर लंबा जाम
उत्तराखंड में भारी वर्षा के कारण बदरीनाथ हाईवे पर गुरुवार को खांकरा और नरकोटा के बीच भूस्खलन के कारण लगभग 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिरने के कारण हाईवे लगभग 11 घंटे तक अवरुद्ध रहा। इस दौरान लगभग 900 वाहनों में 5,000 से अधिक यात्री फंसे रहे। चटवापीपल और कमेड़ा में भी भूस्खलन के कारण हाईवे पर पांच घंटे तक आवाजाही बाधित रही, जिससे दोनों ओर 500 से अधिक वाहनों में लगभग 2,000 यात्री और स्थानीय लोग फंस गए।
लगातार पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण मलबा हटाने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई स्थानों पर दुकानें न होने के कारण यात्रियों को खाने-पीने की सामान और पानी उपलब्ध नहीं हो सका। दूध, सब्जी और अन्य दैनिक उपयोग की चीजों के वाहन भी जाम में फंसने के कारण आसपास के क्षेत्रों में समय पर नहीं पहुंच सके। इसी तरह पिथौरागढ़ में तवाघाट हाईवे तीन स्थानों पर मलबा आने से आठ घंटे तक बंद रहा, जिसके चलते 28 कैलास यात्री भी फंसे रहे।
मुंबई में हुई तेज बारिश
मुंबई में बुधवार की शाम अचानक शुरू हुई तेज बारिश ने लोगों को परेशानी में डाल दिया। इस बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर जलभराव और यातायात जाम की समस्या उत्पन्न हो गई। शाम को शुरू हुई बारिश के कारण लोग, जो अपने कार्यालयों से घर लौट रहे थे, को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
बिहार में जारी रहेगी वर्षा
बिहार में मानसून के फिर से सक्रिय होने के साथ ही बारिश में तेजी आई है। मौसम विभाग के अनुसार, दो अक्टूबर तक पटना समेत पूरे प्रदेश में हल्की-फुल्की बारिश होती रहेगी। पिछले दो दिनों से पटना सहित विभिन्न स्थानों पर रुक-रुक कर बारिश होने से मौसम सामान्य बना हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, 10 जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
सिक्किम में आई आफत
सितंबर में रिकॉर्ड गर्मी के बाद, अब बारिश से सिक्किमवासियों ने राहत की सांस ली है। लेकिन बारिश ने राहत के साथ-साथ आफत भी ला दी है। लगातार बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। इससे राज्य में कई सड़कें बंद हो गई हैं। आवाजाही को सामान्य बनाने के लिए सड़क पर पड़े मलबे और पत्थरों को हटाने का कार्य जारी है।