पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद पाल बोस ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया लिमिटेड के सामने कहां कि कानून-व्यवस्था पूरे राज्य में डगमगाई नहीं है और राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा को बढ़ने से भी रोका गया है. हिंसा के बढ़ने का मुख्य कारण ‘‘अतीत की विरासत” भी हो सकता हैं।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद पाल बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच बहुत से मुद्दों को लेकर मतभेद बना हुआ है. बोस ने इसी बात को लेकर कहां कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था सभी जगह खराब नहीं है और राज्य में बढ़ रही हिंसा के कारण वर्तमान तृणमूल कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि इसका मूल कारण ‘‘अतीत की विरासत” को भी मन सकते हैं।
ममता बनर्जी के लिए कहां कुछ ऐसा
Subkuz.com की जानकारी के बोस ने राजभवन में पीटीआई (प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया लिमिटेड) से एक विशेष साक्षात्कार दौरान कहां कि उनकी और बनर्जी की धारणाएं, काम करने का तरीका और हमारी सोच अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन ममता अपनी पार्टी में एक ‘‘उचित शिष्टाचार” बनाए रखते हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में अपने मौजूदा राज्यपाल के कार्यकाल को ‘‘उनके लिए मामलों को सुकझने वाला और डेटा-एकत्रित करने का समय” बताया। बोस ने कहां कि कानून-व्यवस्था पूरे राज्य में डगमगाई नहीं हुई है, लेकिन कुछ राज्यों में बढ़े गुंडा राज को काफी इलाकों से खत्म कर दिया हैं।
महिलाएं सम्मान के साथ चाहती है शांति
राज्यपाल बोस ने मीडिया को बताया कि ‘‘मैंने संदेशखाली में देखा और सुना कि महिलाएं सम्मान के साथ पुरे राज्य में शांति चाहती थीं, लेकिन उनका सम्मान ही नहीं किया जा रहा था। यह चिंताजनक स्थिति थी पश्चिम बंगाल के परिदृश्य, वातावरण और राजनीति को खराब कर रही है। बताया कि यह स्थिति केवल कुछ क्षेत्रों तक सीमित है, लेकिन राज्य में हालात को देखते हुए इनकी संख्या बढ़ सकती है। यह इक विकराल समस्या है। इसलिए मैं यह ऐसा नहीं कहूंगा कि कानून-व्यवस्था पूरे पश्चिम बंगाल में सही है, लेकिन ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जहां गुंडों पर कुछ हद तक नियंत्रण किया गया हैं।