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भारत ने बांग्लादेश में हिंदू नेता की हत्या पर जताई कड़ी नाराजगी, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर उठाए सवाल

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भारत ने बांग्लादेश में हिन्दू नेता भाबेश चंद्र रॉय की किडनैपिंग और हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से हिन्दू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।

नई दिल्ली: भारत ने बांग्लादेश में हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय की किडनैपिंग और हत्या पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की मांग की है। भारत का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है और इस तरह की घटनाओं में दोषियों को सजा नहीं मिल रही है। 

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार को चेतावनी दी है कि वह अपने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती है।

भाबेश चंद्र रॉय की हत्या: एक संवेदनशील घटना

भाबेश चंद्र रॉय, एक प्रमुख हिंदू नेता, जो बांग्लादेश के उत्तरी हिस्से के दिनाजपुर जिले के बासुदेबपुर गांव के निवासी थे, हाल ही में अपहरण और हत्या का शिकार हो गए। बुधवार, 17 अप्रैल को भाबेश चंद्र रॉय को उनके घर से किडनैप कर लिया गया था। स्थानीय पुलिस और परिवार के अनुसार, रॉय को शाम के वक्त एक फोन कॉल आया था, जिसके बाद उन्हें हमलावरों ने अगवा कर लिया। 

बाद में उनकी लाश बासुदेबपुर गांव के एक सुनसान इलाके में पाई गई। इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के बीच चिंता और डर का माहौल बन गया।

भारत का कड़ा विरोध और प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने इस घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से कहा कि वह हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी को निभाए। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, हमें बांग्लादेश में श्री भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और हत्या की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ है। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। यह घटना एक बार फिर से दिखाती है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का सिलसिला जारी है। 

मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं में जिम्मेदार लोगों को दंडित करने के बजाय, बांग्लादेश सरकार की ओर से पर्याप्त कार्रवाई नहीं की जाती है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।

हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर उठे सवाल

यह घटना सिर्फ भाबेश चंद्र रॉय की हत्या तक सीमित नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ कई हमले हुए हैं, जिसमें धार्मिक उत्पीड़न, हत्या, और मंदिरों को नुकसान पहुँचाने की घटनाएं शामिल हैं। हालांकि, इन घटनाओं के बाद भी बांग्लादेश सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर बांग्लादेश सरकार गंभीर नहीं है।

भारत का यह भी कहना है कि बांग्लादेश सरकार ने अब तक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं किए हैं और इसके परिणामस्वरूप ऐसी घटनाओं में वृद्धि हो रही है। भारत ने बांग्लादेश से यह अपील की है कि वह अल्पसंख्यकों को सुरक्षित करने के लिए ठोस और त्वरित कदम उठाए।

सोशल मीडिया और स्थानीय प्रतिक्रिया

भाबेश चंद्र रॉय की हत्या के बाद, बांग्लादेश के स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर बांग्लादेश सरकार की आलोचना की जा रही है। कई लोगों ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पहले से ही असुरक्षा और डर के माहौल में जी रहे हैं, और इस घटना ने उनकी चिंताओं को और बढ़ा दिया है।

बांग्लादेश सरकार की प्रतिक्रिया

बांग्लादेश सरकार ने इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि वे भाबेश चंद्र रॉय की हत्या में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि, पिछले अनुभवों को देखते हुए, बांग्लादेश सरकार के इस बयान पर लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।

भारत की बढ़ती चिंता

भारत सरकार की चिंता सिर्फ इस घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इस प्रकार की घटनाओं के निरंतर होने से संबंधित है। पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और हिंदू समुदाय के लोगों के खिलाफ हमले बढ़े हैं, और भारत ने कई बार बांग्लादेश से इस पर ध्यान देने की अपील की है।

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, यह घटनाएं हमारे लिए चिंता का कारण हैं, क्योंकि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा का मुद्दा गंभीर है। हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करेगी और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाएगी।

इस घटनाक्रम ने भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव पैदा कर दिया है। भारत ने इस हत्या की कड़ी निंदा करते हुए बांग्लादेश सरकार से कड़े कदम उठाने की अपील की है। अब बांग्लादेश सरकार के ऊपर यह जिम्मेदारी है कि वह न केवल इस मामले में न्याय दिलाए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करे कि भविष्य में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कोई और घटना न हो।

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