कनाडा की तानाशाही: भारतीय Consular अधिकारियों की निगरानी पर विदेश मंत्रालय का कड़ा बयान

कनाडा की तानाशाही: भारतीय Consular अधिकारियों की निगरानी पर विदेश मंत्रालय का कड़ा बयान
Last Updated: 7 घंटा पहले

भारतीय विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में कनाडा के वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के कांसुलर अधिकारियों पर चल रही निगरानी को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि कनाडाई अधिकारियों द्वारा कांसुलर कर्मियों की ऑडियो और वीडियो निगरानी की जा रही है और उनके निजी संचार को भी अवरुद्ध कर दिया गया है।

कानूनी और राजनयिक प्रावधानों का उल्लंघन

राज्यसभा में दिए गए अपने लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने स्पष्ट किया कि द्विपक्षीय संबंधों की स्थिरता के लिए एक-दूसरे की चिंताओं, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कनाडा की ओर से यह कदम राजनयिक प्रावधानों का उल्लंघन है, जिस पर भारत ने 2 नवंबर 2024 को कनाडाई उच्चायोग के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया।

ऑडियो-वीडियो निगरानी और संचार अवरुद्ध

सिंह ने आगे बताया कि वैंकूवर में भारतीय कांसुलर कर्मियों को सूचित किया गया है कि वे लगातार ऑडियो और वीडियो निगरानी के तहत हैं। इसके अलावा, उनके निजी संचार को भी बाधित कर दिया गया है, जो कि एक गंभीर मामला है। मंत्री ने यह भी कहा कि कनाडा की सरकार इस कदम को तकनीकी वजहों से सही ठहराने की कोशिश कर सकती है, लेकिन यह कोई भी उचित तर्क नहीं हो सकता, क्योंकि भारतीय कांसुलर कर्मी पहले से ही उग्रवाद और हिंसा के माहौल में कार्य कर रहे हैं।

भारत का विरोध और चिंता

भारत सरकार ने इस मामले को लेकर कड़ा विरोध दर्ज करते हुए 2 नवंबर को अपनी नोट वर्बेल के माध्यम से कनाडाई उच्चायोग से इस कार्रवाई पर स्पष्टीकरण मांगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत अपने राजनयिकों और कांसुलर कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक चिंतित है और यह हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाएगा कि उन पर किसी प्रकार का उत्पीड़न या धमकी न हो।

कनाडा में उग्रवाद और हिंसा की स्थिति

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय कांसुलर कर्मी ऐसे समय में काम कर रहे हैं जब कनाडा में उग्रवाद और हिंसा का माहौल है। ऐसे में उन पर निगरानी रखना न केवल अनैतिक है, बल्कि यह भारत के राजनयिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।

यह स्थिति दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को और तनावपूर्ण बना सकती है, और भारतीय सरकार इस पर लगातार ध्यान दे रही है।

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