अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने से पहले ही एक अहम और विवादास्पद घोषणा की है। ट्रंप ने कहा कि वह अमेरिका के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट डेनाली का नाम बदलकर फिर से माउंट मैकिनले रखेंगे। यह कदम पूर्व राष्ट्रपति विलियम मैकिनले को सम्मान देने के लिए उठाया जा रहा है। 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे ट्रंप ने फीनिक्स, एरिजोना में अपने समर्थकों से बात करते हुए इस ऐतिहासिक फैसले की जानकारी दी।
विलियम मैकिनले का योगदान और नामकरण का इतिहास
विलियम मैकिनले 1897 से 1901 तक अमेरिका के 25वें राष्ट्रपति रहे थे। उनका कार्यकाल अमेरिकी इतिहास में महत्वपूर्ण था, लेकिन उनकी पद पर रहते हुए हत्या कर दी गई थी। ट्रंप ने कहा, "उन्होंने माउंट मैकिनले का नाम हटा दिया था, लेकिन वह एक महान राष्ट्रपति थे। मैं अमेरिका के सबसे ऊंचे पर्वत का नाम एक बार फिर माउंट मैकिनले के नाम पर रखूंगा। मुझे लगता है कि वह इसके हकदार हैं।"
पहले भी हुआ था नाम को लेकर विवाद
माउंट डेनाली का नाम 1975 से विवादों का हिस्सा रहा है। जब अलास्का विधानमंडल ने अमेरिकी संघीय सरकार से इसे माउंट मैकिनले से बदलकर डेनाली रखने की मांग की, तो यह मुद्दा उठ खड़ा हुआ। 2015 में जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे, उन्होंने इस पर्वत का नाम बदलकर डेनाली रख दिया। उनका यह कदम अलास्का के मूल निवासियों की भावना का सम्मान करने के लिए था, क्योंकि 'डेनाली' शब्द का अर्थ "सबसे ऊंचा" होता है और यह नाम अलास्का के मूल निवासियों के समुदाय से जुड़ा हुआ था।
अलास्का के मूल निवासियों की भूमिका
अलास्का के मूल निवासियों ने दशकों से यह मांग की थी कि माउंट मैकिनले का नाम बदलकर डेनाली किया जाए। 1896 में एक रिसर्चर ने इस पर्वत को अनौपचारिक रूप से माउंट मैकिनले का नाम दिया, लेकिन यह नाम 1917 में संघीय सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से अपनाया गया। बाद में 2015 में ओबामा प्रशासन ने इसे बदलकर माउंट डेनाली किया। 'डेनाली' या 'दीनाली' शब्द अलास्का के मूल निवासियों के समुदाय से जुड़ा हुआ है और इसका अर्थ है "सबसे ऊंचा पर्वत"।
ट्रंप का कदम क्या है इसके पीछे की राजनीति?
ट्रंप के इस कदम से एक बार फिर से माउंट डेनाली का नाम बदलने का विवाद ताजा हो गया है। ट्रंप का कहना है कि यह बदलाव एक ऐतिहासिक सम्मान है और विलियम मैकिनले के योगदान को याद करने के लिए किया जा रहा है। हालांकि, इस कदम से अलास्का के मूल निवासियों में असंतोष की भावना पैदा हो सकती है, क्योंकि उनका मानना है कि यह नाम उनके समुदाय और संस्कृति का सम्मान हैं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
ट्रंप के इस कदम को लेकर राजनीतिक हलकों में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। जहां उनके समर्थक इसे एक सशक्त और इतिहास को सम्मान देने वाला कदम मान रहे हैं, वहीं आलोचक इसे एक राजनीतिक चाल के रूप में देख रहे हैं। यह फैसला ओबामा द्वारा किए गए एक सांस्कृतिक बदलाव के खिलाफ है और एक बार फिर से अमेरिका में विभिन्न समुदायों और उनकी पहचान पर बहस छेड़ सकता हैं।
आखिरकार, नाम में क्या रखा है?
माउंट डेनाली का नाम बदलने से सवाल उठता है कि क्या नामों से ही किसी देश की पहचान जुड़ी होती है या यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक बदलाव होता है। ट्रंप का यह कदम एक ओर बदलाव की तरफ इशारा करता है, जो अमेरिका में सियासत और पहचान के मुद्दों पर चर्चा को और तेज करेगा। अब देखना यह होगा कि इस फैसले के बाद अलास्का और अमेरिका के अन्य हिस्सों में क्या बदलाव होते हैं और जनता की प्रतिक्रिया क्या होती हैं।