CM भगवंत मान ने NOC ख़त्म करने का किया एलान, आर्किटेक्ट से ऑनलाइन आवेदन में फंसे लोगों को मिली राहत

CM भगवंत मान ने NOC ख़त्म करने का किया एलान, आर्किटेक्ट से ऑनलाइन आवेदन में फंसे लोगों को मिली राहत
subkuz.com
Last Updated: 13 फरवरी 2024

CM भगवंत मान ने NOC ख़त्म करने का किया एलान, आर्किटेक्ट से ऑनलाइन आवेदन में फंसे लोगों को मिली राहत 

Punjab : मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार (06 फरवरी) को किसी भी किस्म की जमीं ज़ायदाद के रजिस्ट्रेशन के लिए NOC (No Objection Certificate) की शर्त खत्म करने का एलान किया था। उन्होंने कहा कि यह फैसला आम जनता की सलाह के बाद लिया गया है। जिसकेबाद पंजाब में लोगों ने राहत की सांस ली। क्योंकि NOC को लेकर नगर निगम में कठिन प्रोसेस के कारण आम नागरिक काफी परेशान था। बताया गया कि लंबे समय से Portal भी खराब हो जाता था तो कभी सर्वर डाउन हो जाता था। जिसकी वजह से आम लोग कार्यालय के चक्कर काटकर थक जाते थे।

NOC की क्या थी प्रतिक्रिया

1- सबसे पहले आवेदनकर्ता को नगर निगम से अधिकृत आर्किटेक्ट के पास जाना पड़ता था। जो NOC Upload करने के लिए 5000 रुपये शुल्क की मांग करता था।

2- इसके बाद खरीददार से दस्तावेज (Document) लिए जाते थे और अगर जमीन का एग्रीमेंट (Agreement) 2018 से पहले का है तो ही NOC के लिए आवेदनकर्ता की तरफ से आवेदन को मंजूरी दी जाती थी।

3- प्लाट की गूगल मैप (Google Map) की Location भी Upload करने तथा इसके अलावा साइट प्लान (Site Plan) भी तैयार कर लगाया जाता था।

4- आर्किटेक्ट (Architect) से आवेदन करने के बाद ऑनलाइन फाइल इलाके के ड्राफ्ट्समैन (Draftsman) के पास चली जाती है, जो समय पर जाकर प्लाट को वेरिफाई (Verify) करता है और तस्वीरों को Upload करता है।

5- इसके साथ ही प्लाट को NOC देने के लिए कितनी सरकारी फीस अदा करनी होगी, इसका विवरण तैयार होता है।

6- फाइल आगे इलाके के इंस्पेक्टर या SDO के पास जाती है जो दोबारा पूरा विवरण चेक करता है और अपनी रिपोर्ट देता है।

7-फिर फाइल इलाके के एटीपी या एक्सईएन (Ex En) के पास चली जाती है, जो दोबारा सारे डोक्युमेंट्सों को चेक करता है।

8- उसके बाद फाइल एमटीपी (MTP) के पास जाती है तो फाइल को एप्रूव (Approve) करता है, अगर इनमें कुछ कमी हुई तो वह इसको वापस आर्किटेक्ट के पास भेज सकता है और दोबारा ड्राफ्टमैन (Draftsman) से लेकर एटीपी तक पहुंच जाती है।

9- अगर फाइल स्वीकृत हो जाती है तो Online Payment के लिए link जेनरेट होता है, जिसको क्लिक (Click) करने के बाद डेबिट कार्ड (Debit Card)से इसका शुल्क जमा किया जाता है।

10- शुल्क अदा करने के बाद फाइल एटीपी या एमटीपी के पास वापस जाती है जो डिजिटल साइन करता है और NOC Upload हो जाती है।

लोगों की क्या थी परेशानी

1- अधिक संख्या में लोगों के पास Online सुविधा नहीं है, वह आर्किटेक्ट के पास या निगम और पुडा कार्यालय में चक्कर लगाते थक जाते थे फिर भी उनका काम नहीं हो पाता था।

2- नगर निगम का Portal कई बार 15-15 दिन बंद रहता है।

3- कई बार फाइलें ऑटो जंप हो जाती हैं तो फिर से Upload करनी पड़ती थी।

4- कई बार फाइलें करप्ट (Corrupt) हो जाती थी, जिस कारण लोगों को परेशानी आती थी।

5- यह भी शिकायत थी कि एटीपी (ATP) से लेकर ड्राफ्टमैन के पास तो लैपटॉप (Leptop) है और ही कंप्यूटर, मोबाइल पर सारा काम करना पड़ रहा था।

6- अधिकारी या मुलाजिम काट्रांसफर होने पर फाइलें कई कई दिनों तक रुकी रहती थी। क्योंकि जो अधिकारी इलाके में तैनात है वहीं मोबाइल पर OTP आने के बाद साइट को Open कर सकता था।

आम जनता को अब मिलेगी राहत

विधायक रमन अरोड़ा ने subkuz.com की टीम को बताया कि मान सरकार का यह एक सराहनीय फैसला है, जो मध्यमवर्गीय गरीब लोगों के लिए काफी फायदेमंद रहेगा। अधिकतर गरीब लोग आर्किटेक्ट से लेकर कार्यालयों के चक्कर से परेशान हो रहे थे। पिछली सरकार के इस फैसले  पर मान सरकार ने आम जनता को राहत दी है।

विक्टोरिना गार्डन विला के मालिक राजू ढींगरा का कहना है कि मान सरकार का कदम काबिले तारीफ है। आम जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए। NOC की प्रकिया जटिल होने के कारण लोग परेशान हो रहे थे। इस फैसले से अब आगे  किसी को बिना हक़ की ज़मीन नहीं दी जाएगी।

 

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