Bangladesh Crisis News: हिंसा के बाद क्या बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था तोड़ेगी दम; क्या बन जाएगा दूसरा पाकिस्तान? पढ़ें पूरी जानकारी

Bangladesh Crisis News: हिंसा के बाद क्या बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था तोड़ेगी दम; क्या बन जाएगा दूसरा पाकिस्तान? पढ़ें पूरी जानकारी
Last Updated: 11 अगस्त 2024

Bangladesh Crisis News: हिंसा के बाद क्या बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था तोड़ेगी दम; क्या बन जाएगा दूसरा पाकिस्तान? पढ़ें पूरी जानकारी 

बांग्लादेश में गारमेंट एक्सपोर्ट कमाई का सबसे बड़ा स्रोत है। देश के कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 83 प्रतिशत रही है। बता दें Zara HM और Levi’s जैसे कई मशहूर ब्रांड की मैन्युफैक्चरिंग बांग्लादेश में होती है। लेकिन हाल ही में हुई  हिंसा और सियासी उलटफेर के कारण बांग्लादेश एक्सपोर्ट बुरी तरह से प्रभावित हो गया हैं।

ढाका: बांग्लादेश के लिए 16 दिसंबर 1971 का दिन सबसे ऐतिहासिक दिन है, क्योकि इसी दिन पश्चिमी पाकिस्तान के जुल्मोसितम से आजाद होकर पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना था। उसके बाद पांच दशक में बांग्लादेश ने तरक्की की नई कहानी लिख दी। बांग्लादेश जीडीपी ग्रोथ और प्रति व्यक्ति आय जैसे आर्थिक मामलों में पाकिस्तान को पछाड़कर भारत के करीब आ गया। लेकिन हाल ही में हुई हिंसा के बाद बांग्लादेश वापस 50 दशक पीछे जाने की कगार पर खड़ा हो गया है। पूरा मुल्क तरक्की की राह को छोड़कर पाकिस्तान की कट्टरपंथ के रास्ते चल पड़ा हैं।

हिंसा से पहले बांग्लादेश के हालात

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)  रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ 7.9 फीसदी थी। यह देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया था। साल 2020 में कोरोना पीक के दौरान भी बांग्लादेश ने 3.4 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ की थी। बांग्लादेश सरकार की तरक्की का फायदा वहां की अवाम को भी मिल रहा था। साल 2015 में बांग्लादेश ने पाकिस्तान को पीछे छोड़कर अलग पहचान बना ली थी। साल 2020 तक बांग्लादेश प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत के नजदीक पहुंच गया था। बांग्लादेश में साल 2000 के दौरान बांग्लादेश में गरीबी का स्तर 48.9 फीसदी था, जिसे शेख हसीना सरकार की नीतियों से घटाकर 24.3 फीसदी तक ला दिया गया।

क्या दूसरा पाकिस्तान बनेगा बांग्लादेश?

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद जिस अंतरिम सरकार का गठन हुआ हैं, उसमें सेना और कट्टरपंथियों का पूरा हाथ है। बता दें सत्ता का यही समीकरण पाकिस्तान में भी मौजूद है, जो आर्थिक तौर पर पूरी तरह से बेहाल है। बताया गया है कि मोहम्मद युनूस अर्थव्यवस्था के कितने भी बड़े जानकार क्यों न हों, लेकिन अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर उनके लिए स्वतंत्र रूप से काम करना नामुमकिन होगा होगा। वह अभी भी कट्टरपंथियों का मुखौटा लग रहे हैं।

इस बाद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि युनूस के सत्ता संभालने के तुरंत बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की प्रवृति पैदा हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहां कि बांग्लादेश के साथ अब हमारे रिश्ते भी पाकिस्तान की तरह तीखे हो सकते हैं।

क्या बांग्लादेश की अर्तव्यवस्था होगी कमजोर?

बांग्लादेश में गारमेंट एक्सपोर्ट कमाई का सबसे बड़ा स्रोत है। देश के कुल निर्यात में इसकी भगीदारी 83 प्रतिशत है। Zara, H&M और Levi’s जैसे कई मशहूर ब्रांड की मैन्युफैक्चरिंग का काम बांग्लादेश में होता है। बताया कि यहां से सालाना करीबन 5 अरब डॉलर की मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट की जाती हैं। लेकिन, हाल ही में हुई हिंसा और सियासी उलटफेर के बाद बांग्लादेश एक्सपोर्ट मार्किट बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया बने 84 साल मोहम्मद युनूस 'नोबेल शांति पुरस्कार' से सम्मानित हो चुके हैं। उन्होंने माइक्रोफाइनेंस के मध्याम से  ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हजारों बांग्लादेशियों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकाला। उनके मॉडल को दुनिया के 100 से अधिक देशों ने अपना था। लेकिन अब युनूस के सामने पूरे देश को एकसाथ लेकर चलने की चुनौती है , जो उनके लिए ज्यादा आसान नहीं होगी।

 

 

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