बिहार में कुछ स्थानों पर जहां मानसून का असर कम हो गया है, वहीं कई स्थानों पर अभी भी इसका प्रभाव बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आज बिहार के 15 जिलों में तेज आंधी का अलर्ट जारी किया गया है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे खुले में जाने से बचें। इसके अलावा, तेज बारिश के चलते कई जगहों पर नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है।
Patna: राजधानी के साथ-साथ राज्य में मानसून के प्रभाव में कमी आने के कारण विभिन्न जिलों में कहीं हल्की तो कहीं छिटपुट बारिश देखने को मिल रही है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान मानसून ट्रफ सौराष्ट्र, शिवपुरी, अंबिकापुर के गहरे दबाव से होते हुए बंगाल की खाड़ी की दिशा में आगे बढ़ेगी। इसलिए, 15 जिलों के निवासियों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
पटना समेत अन्य जिलों में बारिश की सम्भावना
बिहार में आज 15 जिलों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। पटना समेत अन्य सभी जिलों में अगले 48 घंटों के दौरान तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। उत्तरी क्षेत्रों के कुछ स्थानों पर गरज-तड़क के साथ बारिश भी हो सकती है। जिन जिलों में बारिश की संभावना है, उनमें पटना, बेगूसराय, दरभंगा, कटिहार, पूर्णिया, समस्तीपुर, मधुबनी, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, किशनगंज, खगड़िया, आरा, बक्सर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण शामिल हैं।
तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम
वातावरण में अधिक नमी के कारण लोगों को वास्तविक तापमान से ज्यादा गर्मी का अनुभव होगा। पिछले 24 घंटों में पटना के आसपास और दक्षिणी क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर वर्षा हुई। राजधानी पटना में 8.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि गया के मानपुर में सबसे अधिक 46.2 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
राजधानी का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक होकर 35.9 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। वहीं, पुपरी (सीतामढ़ी) में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सासाराम, दरभंगा और फारबिसगंज को छोड़कर पटना सहित अन्य जिलों में तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली।
बदलता हुआ मानसून का प्रभाव
प्रदेश में मानसून के दौरान मौसम की स्थिति में बदलाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। इस स्थिति को लेकर मौसम वैज्ञानिकों में चिंता बढ़ गई है। पिछले दो से तीन वर्षों में मौसम प्रणालियों में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे गए हैं। पहले, बंगाल की खाड़ी में बने मौसमी सिस्टम और उनकी दिशा गंगा के मैदानी इलाकों से होकर गुजरती थी, लेकिन अब इसका प्रभाव मध्य भारत की ओर बढ़ रहा है।
इसके परिणामस्वरूप, प्रदेश में संतुलित वर्षा की कमी महसूस की जा रही है। जब मानसून सीजन में बंगाल की खाड़ी से नम हवा गंगा के मैदानी क्षेत्रों से होकर प्रदेश में प्रवेश करती है, तब काले बादल छा जाते हैं और वर्षा में तेजी आती है।
इन स्थानों पर हुई वर्षा के आंकड़े
सिवान के बड़हरिया में 32.6 mm, नवादा के हिसुआ में 32.2 mm, गया में 26.2 mm, सिवान के बसंतपुर में 14.6 mm, पटना के पालीगंज में 12.4 mm, सिवान के हुसैनगंज में 12.2 mm, नवादा के रोह में 11.8 mm, वैशाली के लालगंज में 8.6 mm, नवादा में 8.4 mm, सारण के पानापुर में 7.2 mm, वैशाली के राघोपुर में 7.2 mm, लंदा के हिलसा में 6.4 mm, सिवान के जीरादेई में 6.2 mm, पटना के श्रीपालपुर में 5.6 mm, पटना के फुलवारीशरीफ में 5.2 mm, औरंगाबाद के मदनापुर में 5.2 mm, गया के बाराचट्टी में 4.2 mm, और नवादा के काशीचक में 4.0 mm वर्षा रिकॉर्ड की गई।