बीआरओ (The Border Roads Organisation) की कोशिशों के चलते करीब डेढ़ सप्ताह (10-12 दिन) के बाद लाहुल घाटी मनाली से जुड़ी है. बर्फबारी के कारण प्रदेश में तीन एनएच (National Highway) सहित 335 सड़कें अभी भी बंद पड़ी है और 330 से अधिक ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी बाधित है. इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (India Meteorological Department - आईएमडी) के मुताबिक 11 मार्च को कुछ स्थानों पर आंधी के साथ बारिश होने का अनुमान हैं।
शिमला: सीमा सड़क संगठन की मेहनत से करीब डेढ़ सप्ताह बाद लाहुल घाटी को मनाली से जोड़ दिया गया है. तथा इसके साथ उदयपुर भी केलंग घाटी से जुड़ गया है. बीआरओ ने तांदी पुल से अटल टनल रोहतांग के दोनों तरफ और धुंधी पुल तक सड़क क एक साइड से वाहनों के लिए आवागमन बहाल (सुचारु) कर दी गई हैं।
उपायुक्त किन्नौर डा. अमित कुमार शर्मा ने Subkuz.com की टीम को बताया कि बताया कि सांगला मार्ग पर आए ग्लेशियर (बर्फबारी) को हटा दिया गया है. मार्ग सांगला को पूरी तरह से वाहनों के आवागमन के लिए बहाल कर दिया गया है. बताया कि अभी तीन एनएच सहित 335 सड़कें बर्फ के कारण बंद है. तथा 330 ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही हैं।
आगामी दिन को लेकर मौसम विभाग की सूचना
मौसम विभाग के अधिकारीयों ने बताया कि 11 मार्च (सोमवार) को प्रदेश के कुछ स्थानों पर आंधी चलने के साथ-साथ हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है. विभाग ने 13 और 14 मार्च को लेकर प्रदेश के 10 जिलों में आंधी के साथ वर्षा होने का यलो अलर्ट जारी किया है.इसके साथ ही ऊंचे इलाकों में हिमपात (बर्फबारी) और निचले इलाकों में वर्षा का अनुमान हैं।
विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से तापमान में गिरावट भी हो सकती है. पश्चिमी विक्षोभ का असर आगामी चार दिन (15 मार्च) तक रहेगा। रविवार के दिन की शुरुआत तेज धूप हुई और जैसे-जैसे शाम होते ही बादल छाने से ठंड बढ़ गई. बताया शिमला की तुलना में मंडी, सोलन, कांगड़ा और ऊना शहर में रात के समय अधिक ठंड पड़ रही हैं।
जानकारी के अनुसार शिमला का न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस मापा गया, जबकि सोलन का 5.3, मंडी का 5.7, ऊना का 6.8 और कांगड़ा का 8.3 डिग्री दर्ज किया गया है. इसके साथ ही न्यूनतम तापमान में एक से चार डिग्री की वृद्धि दर्ज की हुई है और अधिकतम तापमान में एक से 3 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है. किन्नौर जिला प्रशासन के अधिकारीयों ने यलो अलर्ट को ध्यान में रखकर स्थानीय लोगों को और पर्यटकों से अपील की है कि बर्फबारी (हिमपात) संभावित क्षेत्रों में न जाए।