हिमाचल प्रदेश के ऊंची पहाड़ियों पर इस समय बर्फबारी और आंधी बरसात के कारण किसानों की मेहनत पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है. गेहूं की फसल और सेब के पौधों में आए फूलों के झड़ने के कारण भारी नुकसान हो गया है। बारिश के कारण मौसम सुहावना हो गया हैं।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार (१९ अप्रेल से ही आंधी और ओलावृष्टि के साथ बरसात का दौर चल रहा है। केलंग सहित अन्य ऊंची चोटियों पर ढाई-तीन इंच बर्फबारी हुई हैं और न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से भी नीचे आ गया है। आंधी-ओलावृष्टि और तेज कड़क के साथ हुई बरसात ने मैदानी क्षेत्रों में गेहूं और सेब की खेती को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. इस कारण किसानों के चेहरे भी मुरझा गए हैं।
बारिश के कारण तापमान में आई गिरावट
Subkuz.com की जानकारी के अनुसार मौसम में आए बदलाव के कारण न्यूनतम तापमान में तीन-चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि बिलासपुर और पांवटा साहिब में दो-तीन डिग्री की बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है। सबसे अधिक गिरावट कल्पा में 7.5, रिकांगपिओ में 5.8, जबकि अन्य स्थानों पर मात्र एक से चार डिग्री की कमी देखने को मिली है। अधिकतम तापमान सामान्य से पांच-छह डिग्री तक कम रहा है। मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए कहां 21 अप्रैल को पश्चिमी विक्षोभ कुछ कमजोर रहने के आसार है, जिससे कुछ ही स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती हैं।
विभाग ने बताया कि रविवार को अधिकतर स्थानों पर मौसम साफ रहने का अनुमान है, लेकिन 22 और 23 अप्रैल को एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो जाएगा। जिसके असर से आंधी और बरसात के साथ ओलावृष्टि होने का भी विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। तथा ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में हिमपात भी हो सकता हैं।