TATA Group की बड़ी योजना: 5 लाख युवाओं को नौकरी, ऑटो और सेमीकंडक्टर में भर्तियाँ

TATA Group की बड़ी योजना: 5 लाख युवाओं को नौकरी, ऑटो और सेमीकंडक्टर में भर्तियाँ
Last Updated: 15 अक्टूबर 2024

चंद्रशेखरन ने कहा, यदि हम विनिर्माण क्षेत्र में नई नौकरियों का सृजन नहीं कर पाते, तो विकसित भारत के लक्ष्यों को हासिल करना संभव नहीं होगा। यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि हर महीने लगभग 10 लाख लोग कार्यबल में जुड़ रहे हैं।

दिवंगत रतन टाटा के साथ पीएम नरेंद्र मोदी:

नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए एक सकारात्मक समाचार है। TATA Group के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने मंगलवार को घोषणा की कि उनका समूह अगले 5 वर्षों में सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और संबंधित उद्योगों में विनिर्माण क्षेत्र में पांच लाख नौकरियों का सृजन करेगा।

भारतीय गुणवत्ता प्रबंधन फाउंडेशन (IFQM) द्वारा आयोजित सेमिनार में टाटा संस के चेयरमैन ने कहा कि भारत विकास की नीति के बिना विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, "सेमीकंडक्टर में हमारे (टाटा समूह के) निवेश, प्रीसीजन मैन्यूफैक्चरिंग, असेंबली, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और संबंधित उद्योगों में हमारे निवेश के चलते, मुझे लगता है कि हम अगले पांच वर्षों में पांच लाख नई विनिर्माण नौकरियों का सृजन करेंगे।

हम कई नई विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित कर रहे हैं

असम में आने वाले सेमीकंडक्टर संयंत्र और इलेक्ट्रिक वाहनों व बैटरी के लिए अन्य नई निर्माण इकाइयों का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा, "हम कई संयंत्र स्थापित कर रहे हैं।

उन्होंने इन पहलों में सरकार के सहयोग की सराहना करते हुए विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन के महत्व पर जोर दिया। चंद्रशेखरन ने कहा, यदि हम विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न करने में असफल रहते हैं, तो विकसित भारत के लक्ष्यों को हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा। क्योंकि हमें यह समझना होगा कि हर महीने 10 लाख नए लोग कार्यबल में शामिल होते हैं।"

10 लाख नौकरियों की आवश्यकता

एन चंद्रशेखरन ने कहा, “हमें 10 लाख नौकरियां सृजित करने की आवश्यकता है। उन्होंने सेमीकंडक्टर जैसे नए युग के विनिर्माण के महत्व पर जोर दिया, जो हर एक रोजगार के लिए आठ से दस अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन करता है। दिवंगत रतन टाटा को याद करते हुए, सोमवार को टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि उनके जैसा कोई नहीं था।

उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि टाटा समूह की कंपनियों में कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवारों की भलाई का भी ध्यान रखा जाए, जिससे समूह में कई नेता विकसित हुए। उन्होंने कहा कि वास्तव में उनके जैसा कोई नहीं था।

पेशेवरों के नेटवर्किंग मंच 'लिंक्डइन' पर एक पोस्ट में टाटा (86) के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए उन्होंने लिखा, "जो कोई भी टाटा से मिला, वह उनकी मानवता, गर्मजोशी और भारत के लिए सपनों की कहानी लेकर गया। वास्तव में उनके जैसा कोई और नहीं था।"

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