शारदा यूनिवर्सिटी में 22 जनवरी को आयोजित होगा राष्ट्रीय सेमिनार, एआई और फैक्ट चेकिंग तकनीकों से फेक न्यूज और गलत जानकारी से निपटने पर होगा चर्चा

शारदा यूनिवर्सिटी में 22 जनवरी को आयोजित होगा राष्ट्रीय सेमिनार, एआई और फैक्ट चेकिंग तकनीकों से फेक न्यूज और गलत जानकारी से निपटने पर होगा चर्चा
Last Updated: 14 घंटा पहले

शारदा यूनिवर्सिटी का शारदा स्कूल ऑफ मीडिया, फिल्म एंड एंटरटेनमेंट और जागरण न्यू मीडिया मिलकर 22 जनवरी 2025 को एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन करने जा रहे हैं। यह सेमिनार डिजिटल युग में फेक न्यूज और गलत जानकारी को पहचानने और नष्ट करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और फैक्ट चेकिंग तकनीकों की भूमिका पर आधारित है। इस सेमिनार का शीर्षक है "AI in Combating Misinformation: Advancing Fact Checking Practices"।

सेमिनार का उद्देश्य और महत्व

सेमिनार का प्रमुख उद्देश्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फैले फेक न्यूज और गलत जानकारी से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फैक्ट चेकिंग तकनीकों के प्रभावी उपयोग पर विचार-विमर्श करना है। इस आयोजन में विशेषज्ञ अपने अनुभव और शोध को साझा करेंगे, और व्यावहारिक रूप से यह सिखाया जाएगा कि कैसे एआई का उपयोग करके गलत जानकारी की पहचान की जा सकती है और उसे सही किया जा सकता हैं।

आयोजन की रूपरेखा

यह कार्यक्रम शारदा यूनिवर्सिटी के आनंद स्वरूप ऑडिटोरियम, ब्लॉक 45 में सुबह 10 बजे से शुरू होगा। इस आयोजन को हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा, जहां प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअल माध्यम से सेमिनार में भाग ले सकते हैं। इस प्रकार, यह सेमिनार उन सभी के लिए सुलभ होगा, चाहे वे किसी भी स्थान से जुड़ें।

विशेषज्ञों की उपस्थिति

सेमिनार में कई प्रमुख विशेषज्ञ अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इनमें भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) इंदौर के एसोसिएट डीन और मार्केटिंग के प्रोफेसर सुबिन सुधीर, आईआईटी दिल्ली के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन हेल्थकेयर के संस्थापक प्रमुख डॉ. तवप्रीतेश सेठी, सिम्पल (Cambridge, MA) के संस्थापक स्वप्निल मेहता और मीका के मीडिया, एंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स बिजनेस विभाग के चेयरपर्सन संतोष के पात्रा शामिल हैं। इन विशेषज्ञों के द्वारा इस विषय में गहरे ज्ञान और अनुभव को साझा किया जाएगा।

प्रशिक्षण सत्र और कार्यशाला

सिर्फ विचार-विमर्श ही नहीं, इस आयोजन में जीएनआई (GNI) फैक्ट चेकर्स के विशेषज्ञों द्वारा एक विशेष वर्कशॉप भी आयोजित की जाएगी। इस सत्र में प्रतिभागियों को गलत जानकारी की पहचान करने और उसे रोकने के लिए प्रभावी फैक्ट चेकिंग तकनीकों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कार्यशाला उन सभी के लिए लाभकारी होगी, जो मीडिया, जर्नलिज़्म या शोध के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

शोधपत्र प्रस्तुत करने का अवसर

इस सेमिनार में प्रतिभागी और शोधार्थी अपने शोधपत्र भी प्रस्तुत कर सकते हैं। यह एक महत्वपूर्ण मंच होगा, जहां वे अपनी विशेषज्ञता और नवाचार को साझा कर सकते हैं और डिजिटल युग में फैलाई जा रही गलत जानकारी से निपटने के उपायों पर चर्चा कर सकते हैं।

आयोजन का नेतृत्व और आयोजन समिति

इस आयोजन का नेतृत्व शारदा स्कूल ऑफ मीडिया, फिल्म एंड एंटरटेनमेंट की डीन प्रो. (डॉ.) रितु एस सूद और जागरण न्यू मीडिया के एडिटर इन चीफ और एग्जीक्यूटिव प्रेसीडेंट राजेश उपाध्याय कर रहे हैं। इसके साथ ही डॉ. शिशिर कुमार सिंह सह-संयोजक के रूप में कार्य करेंगे। आयोजन समिति में डॉ. मुक्ता मार्तोलिया, डॉ. श्रृंखला उपाध्याय और डॉ. सोनाली श्रीवास्तव भी शामिल हैं, जो इस सेमिनार को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

राजेश उपाध्याय का बयान

जागरण न्यू मीडिया के एडिटर इन चीफ राजेश उपाध्याय ने इस आयोजन के बारे में कहा, "डिजिटल युग में गलत जानकारी और फेक न्यूज समाज के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। इस सेमिनार के माध्यम से हम इन समस्याओं का समाधान तलाशने का प्रयास करेंगे और एआई की मदद से फैक्ट चेकिंग के उन्नत तरीकों को अपनाने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करेंगे। यह आयोजन मीडिया विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, जो फेक न्यूज और गलत जानकारी से निपटने के लिए समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं।"

यह राष्ट्रीय सेमिनार मीडिया और तकनीकी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर डिजिटल मीडिया के वर्तमान चुनौतियों से निपटने के नए तरीके और समाधान प्रस्तुत करेगा। साथ ही, यह भविष्य में एआई और फैक्ट चेकिंग की भूमिका को और मजबूती से स्थापित करेगा। इस आयोजन में शामिल होकर आप न केवल इस महत्वपूर्ण विषय पर ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि सही जानकारी फैलाने के लिए नई तकनीकी विधियों से भी अवगत होंगे।
इससे साफ है कि यह सेमिनार डिजिटल मीडिया में सही जानकारी फैलाने के लिए एक निर्णायक कदम साबित हो सकता हैं।

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