आईपीएल 2025 के रोमांच के बीच एक चौंकाने वाली खबर क्रिकेट प्रशंसकों के बीच हलचल मचा रही है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम पर बने स्टैंड को हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम से हटाया जा रहा है। यह फैसला अचानक नहीं, बल्कि एक गंभीर आरोप—हितों के टकराव (Conflict of Interest) के चलते लिया गया है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: आईपीएल 2025 के बीच भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को लेकर एक विवादित खबर सामने आई है। हैदराबाद के उप्पल स्थित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में स्थित नॉर्थ पवेलियन स्टैंड से अब उनका नाम हटाने का आदेश जारी किया गया है। इसके अलावा, हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) को यह भी निर्देश दिया गया है कि अब से अजहरुद्दीन के नाम पर कोई भी टिकट जारी न किया जाए।
यह आदेश हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के एथिक्स ऑफिसर और लोकपाल जस्टिस वी. ईश्वरैया ने शनिवार को जारी किया। यह फैसला लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब द्वारा दायर की गई याचिका के बाद लिया गया, जिसमें अजहरुद्दीन पर हितों के टकराव का आरोप लगाया गया था।
फैसला आया ‘एथिक्स’ के तराजू से
हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) के एथिक्स ऑफिसर और लोकपाल जस्टिस वी. ईश्वरैया ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, स्टेडियम के नॉर्थ पवेलियन स्टैंड से मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम हटाया जाएगा, और भविष्य में इस नाम से कोई टिकट या संकेत-पट्ट (Signboard) जारी नहीं किया जाएगा।
ये फैसला 28 फरवरी 2025 को दर्ज की गई एक याचिका के आधार पर आया, जिसे हैदराबाद के लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब (LCC) ने दायर किया था। याचिका में दावा किया गया कि अजहरुद्दीन ने जब 2019 में HCA के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अपने नाम पर स्टैंड का नामकरण करवाया था, वह नियम 38 के खिलाफ था, जो कि स्पष्ट रूप से हितों के टकराव की स्थिति बनाता है।
VVS लक्ष्मण को दोबारा मिल सकता है सम्मान?
2019 में HCA की एपीक्स काउंसिल ने नॉर्थ स्टैंड का नाम वीवीएस लक्ष्मण पवेलियन से बदलकर मोहम्मद अजहरुद्दीन स्टैंड कर दिया था। लेकिन इस फैसले को जनरल बॉडी की मंजूरी कभी नहीं मिली, जो नियमों के अनुसार आवश्यक होती है। अब LCC ने मांग की है कि स्टैंड को दोबारा वीवीएस लक्ष्मण के नाम पर ही किया जाए। इस मांग के पीछे तर्क है कि लक्ष्मण हैदराबाद और भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं, और उनके नाम पर पहले से ही स्टैंड था, जिसे हटाना नियमों के खिलाफ था।
एथिक्स ऑफिसर का तर्क क्या था?
जस्टिस ईश्वरैया ने अपने 25 पेज के विस्तृत आदेश में लिखा, प्रतिवादी संख्या 1 (मोहम्मद अजहरुद्दीन) ने न केवल अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया, बल्कि HCA के नियमों को भी अनदेखा किया। जनरल बॉडी की ओर से इस फैसले को मंजूरी नहीं मिलना, यह दर्शाता है कि यह कदम स्वार्थ के तहत उठाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि हितों के टकराव के मामलों में कठोर कार्रवाई और पारदर्शिता जरूरी है, ताकि क्रिकेट प्रशासन में निष्पक्षता बनी रहे।
HCA पर अब बड़ी जिम्मेदारी
- कोई भी टिकट या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मोहम्मद अजहरुद्दीन स्टैंड नाम न छपे।
- साइनबोर्ड और स्टेडियम के सभी हिस्सों से यह नाम हटाया जाए।
- भविष्य में इस प्रकार के फैसले कड़े नियमानुसार लिए जाएं।
मोहम्मद अजहरुद्दीन भारतीय क्रिकेट का बड़ा नाम रहे हैं, लेकिन विवादों ने उनके करियर को कई बार धूमिल किया है। अब यह नया विवाद उनकी छवि पर एक और दाग जैसा है। वहीं, वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों के नाम पर स्टैंड होना, न केवल सम्मानजनक है, बल्कि प्रेरणादायक भी।