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Weird Dreams का सच: क्यों आते हैं अजीब सपने और कैसे पाएं इनसे राहत? 

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सपनों की दुनिया रहस्यमयी होती है, जो कभी सुखद तो कभी डरावनी हो सकती है। हमारे सपनों का स्वरूप हमारे मानसिक हालात, जीवनशैली, सोच और आसपास के वातावरण पर काफी हद तक निर्भर करता है। ये हमारे भीतर के भावों और अनुभवों का भी प्रतिबिंब होते हैं।

कभी-कभी हम ऐसे सपने देखते हैं जो इतने अजीब होते हैं कि नींद से जागने के बाद भी मन बेचैन रहता है। कोई सपना हमें डराकर जगा देता है, तो कोई ऐसा लगता है मानो किसी और ही दुनिया की झलक मिल गई हो। ये सपने चाहे जैसे भी हों, इनके पीछे कुछ ना कुछ मतलब जरूर होता है। दरअसल, हमारी नींद और सपनों की दुनिया, हमारे मन और दिमाग की गहराइयों से जुड़ी होती है। और आज की तेज़ रफ्तार, तनावभरी ज़िंदगी में ये अजीब सपने और भी ज्यादा आम हो गए हैं।

सपनों पर असर डाल रही है आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी

आज की दौड़ती-भागती और तनावपूर्ण ज़िंदगी में जब नींद ही सही नहीं हो रही, तो सपनों का अजीब होना कोई हैरानी की बात नहीं। महामारी के दौर, सोशल डिस्टेंसिंग और भविष्य को लेकर बनी अनिश्चितता ने हमारी सोच और भावनाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। यही तनाव रात में सपनों के रूप में सामने आता है।

सपने क्यों आते हैं?

नींद विशेषज्ञों का मानना है कि हमारा दिमाग दिनभर की घटनाओं को नींद के दौरान प्रोसेस करता है। यही वजह है कि सपने अक्सर उन्हीं चीजों से जुड़े होते हैं जो बीते 24 से 48 घंटों में हमारे साथ हुई होती हैं। हम भले ही गहरी नींद में हों, लेकिन हमारा दिमाग जागा रहता है और तब वो ही बातें सपनों के रूप में प्रकट होती हैं, जो हमें सबसे ज्यादा छूती हैं – खासकर डर, चिंता या दुख से जुड़ी बातें।

अजीब सपने आने की वजहें

तनाव और चिंता: जब दिमाग में लगातार टेंशन या डर बना रहता है, तो ये नींद में भी असर करता है और सपनों को नकारात्मक बना देता है।

बदली हुई लाइफस्टाइल: खासकर कोविड-19 जैसी महामारी ने लोगों की दिनचर्या और सामाजिक जीवन दोनों को प्रभावित किया है। इन बदलावों से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा है, जिससे सपनों की प्रकृति भी बदल गई है।

नकारात्मक सोच: दिनभर की नकारात्मक खबरें, सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तेमाल और खुद को दूसरों से तुलना करना भी दिमाग को थका देता है, जिसका असर सपनों में दिखता है।

सपनों से घबराएं नहीं, समझें दिमाग का संकेत

विशेषज्ञों के मुताबिक अजीब या डरावने सपनों से घबराने की बजाय यह जानना जरूरी है कि हमारा दिमाग हमें क्या बताने की कोशिश कर रहा है। यह एक चेतावनी भी हो सकती है कि कहीं न कहीं हमारे जीवन में कोई चीज हमें अंदर से परेशान कर रही है – चाहे वो कोई डर हो, दबा हुआ गुस्सा हो या कोई चिंता।

क्या करना चाहिए जब सपने परेशान करें?

अगर आपको बार-बार ऐसे सपने आ रहे हैं जो आपको बेचैन कर देते हैं, तो इसका मतलब है कि आपके भीतर कोई बात है जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। घबराने की जगह आपको अपने दिमाग और मन की तरफ थोड़ा ध्यान देना चाहिए। नीचे कुछ आसान आदतें दी गई हैं जो आपकी नींद को बेहतर बना सकती हैं।

बुरे सपनों से कैसे पाएं राहत?

अगर आपको लगातार डरावने या अजीब सपने आ रहे हैं, तो आपको अपनी 'स्लीप हाईजीन' को बेहतर बनाना होगा। यानी ऐसी आदतें अपनानी होंगी जो आपकी नींद को शांत और गहरी बना सकें।

1. सोने से पहले मानसिक शांति लाएं

  • ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
  • मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल कम करें।
  • हल्का म्यूजिक या मेडिटेशन ऑडियो सुनें।

2. तनाव को कम करें

  • अपने विचारों को जर्नल में लिखें।
  • दिनभर की टेंशन को रात में सोने से पहले एक तरफ रख दें।
  • '1000 से उल्टी गिनती' जैसी टेक्निक्स का इस्तेमाल करें जिससे दिमाग शांत हो सके।

3. नींद से पहले अच्छा माहौल बनाएं

  • अपने कमरे को शांत, साफ-सुथरा और आरामदायक रखें।
  • बहुत देर तक टीवी या सोशल मीडिया न देखें।
  • कोई पॉजिटिव किताब पढ़ें या उस चीज़ के बारे में सोचें जो आपको खुशी देती है।

सपनों को समझें, डरें नहीं

अजीब सपनों से घबराना नहीं चाहिए। ये आपके दिमाग का एक तरीका है आपसे संवाद करने का। कई बार हमारे सपने उन बातों का इशारा होते हैं जिन्हें हम दिन में नज़रअंदाज़ करते हैं। ये आपके डर, गुस्से या छिपी हुई भावनाओं का आइना हो सकते हैं। अगर आप उन्हें ध्यान से समझें, तो ये सपने आपकी खुद को बेहतर समझने में भी मदद कर सकते हैं।

खुद से जुड़ने का मौका हैं ये सपने

हर सपना चाहे जैसा भी हो, कहीं न कहीं वो आपके भीतर की गहराइयों से जुड़ा होता है। अजीब सपनों को नजरअंदाज न करें, बल्कि उन्हें समझने की कोशिश करें। हो सकता है ये आपके लिए खुद के भीतर झांकने का एक ज़रिया बन जाए – एक ऐसा रास्ता जहां से आप अपने मन की उलझनों को सुलझा सकें और मानसिक तौर पर खुद को मजबूत बना सकें।

सपने हमारी नींद का हिस्सा जरूर हैं, लेकिन ये हमारे दिमाग और दिल की परछाइयां भी होते हैं। जब ये सपने बार-बार डरावने या अजीब लगने लगें, तो ये संकेत है कि आपको अपने भीतर झांककर देखना चाहिए – कहीं कुछ ऐसा तो नहीं जो आपको परेशान कर रहा है। थोड़ी सी देखभाल, एक पॉजिटिव रूटीन और खुद से जुड़ने की कोशिश आपको न सिर्फ बेहतर नींद दे सकती है, बल्कि सपनों को भी और सुकूनभरा बना सकती है।

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