यह कहानी एक घने जंगल में रहने वाले चार जिगरी दोस्तों की है: सोहनी मोर, बन्टी बंदर, चिंटू खरगोश और गज्जू हाथी। ये चारों दोस्त हमेशा एक-दूसरे के साथ रहते थे और एक-दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ते थे। जंगल में हर सुबह सूरज की किरणों के साथ उनकी मस्ती और खेल शुरू हो जाती थी।
शेर का आक्रमण
एक दिन, जंगल में एक खतरनाक शेर आ गया। उसकी आँखों में भूख और गुस्सा था। शेर ने छोटे जानवरों को डराना और उनकी जान के पीछे पड़ना शुरू कर दिया। जंगल में हड़कंप मच गया।
सोहनी मोर डरते हुए बोली, "शेर मुझे देखेगा तो मेरे सुंदर पंखों को नोच लेगा!"
चिंटू खरगोश ने उसे दिलासा देते हुए कहा, "डरो मत, हम सब मिलकर इस समस्या का हल निकाल सकते हैं।"
बन्टी बंदर की योजना
बन्टी बंदर एक चालाक और होशियार दोस्त था। उसने कहा, "हम सभी को मिलकर शेर को सबक सिखाना होगा, लेकिन हमें एकता और समझदारी से काम करना होगा।"
गज्जू हाथी ने अपनी भारी आवाज़ में कहा, "हमारी दोस्ती की ताकत से हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं।"
शेर से मुकाबला
शेर नदी के किनारे आराम कर रहा था, और सभी दोस्तों ने मिलकर योजना बनाई।
सोहनी मोर ने शेर का ध्यान अपनी ओर खींचा, और अपने सुंदर पंख फैलाकर उसे आकर्षित किया।
चिंटू खरगोश तेज़ी से इधर-उधर दौड़कर शेर को भ्रमित करता रहा।
गज्जू हाथी ने अपनी सूंड से पानी उछालकर शेर को नहला दिया।
बन्टी बंदर ने ऊँचे पेड़ से शेर पर पत्तियों का ढेर गिरा दिया।
शेर की हार
शेर गुस्से में झपटने की कोशिश करता है, लेकिन गज्जू ने अपनी भारी-भरकम आवाज़ और कदमों से शेर को डरा दिया। शेर कांपते हुए बोला, "मैं अब इस जंगल में नहीं लौटूंगा।"
सोहनी मोर ने कहा, "यह जंगल हमारा घर है, और अगर तुमने वापस आने की कोशिश की, तो हम फिर से तुम्हें सबक सिखाएंगे।"
शेर डर से जंगल छोड़कर भाग गया।
अंतिम संदेश
चारों दोस्तों ने एक-दूसरे को गले लगाकर कहा, "हमारी एकता ने हमें यह जीत दिलाई।"
चिंटू खरगोश ने मुस्कुराते हुए कहा, "हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि मिलकर काम करने से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।"
यह कहानी हमें सिखाती है कि
एकता में बल है। जब हम सब मिलकर काम करते हैं, तो सबसे बड़ी समस्याओं का भी समाधान निकाला जा सकता है। दोस्ती और सहयोग के बल पर हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं।