भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल लॉन्च किया है, जिसे "Mulehunter.AI" नाम दिया गया है। यह टूल बैंकों को फ्रॉड पकड़ने में मदद करेगा और खासतौर पर उन बैंक खातों को ढूंढेगा, जिनका उपयोग धोखाधड़ी या पैसे को सफेद करने के लिए किया जाता है। इस टूल को भारतीय रिजर्व बैंक के इनोवेशन हब (RBIH) द्वारा विकसित किया गया है, और बैंकों को इसे इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कैसे काम करेगा Mulehunter.AI?
Mulehunter.AI का मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी से जुड़े उन खातों की पहचान करना है, जो गलत तरीके से पैसे को सफेद करने के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। पुरानी प्रक्रियाओं के मुकाबले, जिनमें समय ज्यादा लगता था और इंसान द्वारा नियमों के आधार पर जांच की जाती थी, यह नया AI टूल अधिक तेज़ और सटीक होगा। इस टूल के जरिए बैंकों को धोखाधड़ी से जुड़े खातों को जल्दी से पहचानने का मौका मिलेगा।
AI प्लेटफॉर्म के जरिए बैंक खातों की गतिविधियों के बारे में 19 अलग-अलग पैटर्न की जांच की जाएगी। इन पैटर्न की मदद से बैंकों को संदेहास्पद खातों को अधिक सटीकता से पहचानने में मदद मिलेगी। रिजर्व बैंक के अधिकारियों के मुताबिक, Mulehunter.AI ने शुरुआती परीक्षणों में बहुत अच्छे परिणाम दिखाए हैं, जिसमें सटीकता और समय की बचत दोनों शामिल हैं।
Mulehunter.AI की प्रभावशीलता और फायदे
इस टूल का इस्तेमाल करने के बाद बैंकों को धोखाधड़ी की पहचान करने में कई घंटे बचने की उम्मीद है। साथ ही, यह उन अकाउंट्स को पहचानने में मदद करेगा जिनका उपयोग सफेद धन के लिए किया जा रहा है, जो सामान्यत: लंबे समय तक छुपे रहते थे। बैंकों के लिए यह AI प्लेटफॉर्म न सिर्फ समय बचाने वाला है, बल्कि इससे धोखाधड़ी की सटीक पहचान भी संभव हो पाएगी।
Mulehunter.AI को बैंकों के साथ मिलकर विकसित किया गया है और इसके शुरुआती नतीजे बेहद सकारात्मक रहे हैं। RBIH के CEO राजेश बंसल ने बताया कि दो बड़े सरकारी बैंकों ने इस टूल का उपयोग करना शुरू कर दिया है, और दस और बैंकों से बातचीत चल रही है, ताकि वे भी इसे अपनाएं।
फ्रॉड से लड़ने के लिए RBI का कदम
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन दिनों वित्तीय धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़े हैं। इनमें करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी हो रही है, और अब इसे रोकना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है। RBIH के अधिकारियों के मुताबिक, फ्रॉड के मामलों में अब तक बहुत अधिक समय लगता था, क्योंकि पुराने तरीके मैन्युअल जांच और नियमों पर आधारित होते थे।
Mulehunter.AI के माध्यम से बैंकों को धोखाधड़ी के मामलों से निपटने में बड़ा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, यह AI टूल धोखाधड़ी के मामलों को जल्दी पकड़ने में मदद करेगा, जिससे बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों का विश्वास मजबूत होगा।
सुरक्षा और भविष्य की दिशा
RBI का यह कदम बताता है कि वह तकनीकी के माध्यम से धोखाधड़ी से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। AI और डेटा एनालिटिक्स की मदद से बैंकों को धोखाधड़ी के मामलों से बचाने के लिए नए उपायों पर काम किया जा रहा है। यह टूल न सिर्फ बैंक खातों की सुरक्षा करेगा, बल्कि इसमें शामिल होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भविष्य में और अधिक तकनीकी नवाचार देखने को मिल सकते हैं।
Mulehunter.AI एक गेम चेंजर साबित हो सकता है, जो बैंकों को धोखाधड़ी से बचाने में मदद करेगा। RBI का यह कदम न केवल बैंकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे बैंकिंग क्षेत्र में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।