Chandipura Virus News: गुजरात में चांदीपुरा वायरस बरसा रहा कहर, एक महीने में 13 मामले सामने आने के बाद लोगों की बढ़ी चिंता; अब तक आठ बच्चों की मौत

Chandipura Virus News: गुजरात में चांदीपुरा वायरस बरसा रहा कहर, एक महीने में 13 मामले सामने आने के बाद लोगों की बढ़ी चिंता; अब तक आठ बच्चों की मौत
Last Updated: 17 जुलाई 2024

गुजरात में चांदीपुरा वायरस कहर बरसा रहा है। राज्य के कई इलाकों में चांदीपुरा वायरस से लोग संक्रमित हो गए हैं। एक महीने में चांदीपुरा के कहर से आठ बच्चों की मौत हो गई है। बता दें कि राज्य में पिछले महीने इस वायरस ने एंट्री की थी।

गांधीनगर: मानसून का महीना शुरू होने के साथ ही चांदीपुरा वायरस ने गुजरात और उसके आसपास के राज्यों में अपना कहर बरसाना शुरू कर दिया है। पिछले एक महीने में चांदीपुरा वायरस से गुजरात में 8 बच्चों की मौत हो गई है। जबकि कुछ अन्य संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए लेब्रोटरी में भेजे गए हैं। जून के आखिरी हफ्ते में उत्तरी गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में चांदीपुरा वायरस ने दस्तक दी थी। जिसके बाद राज्य में अब तक कुल 13 लोग इसके शिकार हो गए।

गुजरात में चांदीपुरा वायरस का कहर

चांदीपुरा वायरस ने गुजरात में अपना कहर बरसाना शुरू कर दिया। इसके मामले के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस जानलेवा वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित साबरकांठा जिला हुआ है, जहां अब तक 4 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 2 बच्चों की मौत भी हो चुकी है। इसी तरह अरावली में 3 संक्रमित बच्चों की मौत, जबकि महिसागर और राजकोट में इस वायरस से एक-एक मरीज की जान चली गई हैं।

चांदीपुरा वायरस क्या है और यह कैसे फैलता हैं?

चांदीपुरा वायरस से संक्रमित होने पर बच्चों के मस्तिष्क में सूजन आ जाती है. बच्चों में फ्लू के लक्षण विकसित होने के बाद वे या तो कोमा में चले जाते हैं या फिर उनकी मौत हो जाती हैं। इस वायरस का नाम महाराष्ट्र के एक गांव 'चांदीपुरा' के नाम पर पड़ा है। क्योकि इस वायरस का पहला मामला 1965 में इसी गांव में मिला था। बता दें यह वायरस 14 साल से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाता हैं।

चांदीपुरा वायरस रेत मक्खियों और मच्छरों की वजह से फैलता है। बता दें रेत मक्खी एक प्रकार की मक्खी की प्रजाति में ही शामिल है जो केवल रेत और कीचड़ में ही पाई जाती है और बारिश के दौरान इनकी संख्या में बढ़ोतरी होती है। मैदानी इलाकों में भी चांदीपुरा वायरस का खतरा मच्छर के कारण ही फैलता है। पशु अनुसंधान से पता चला कि वायरस रोगी के न्यूरॉन्स (नसों) पर हमला करके उन्हें नुकसान पहुंचाता है, जिसके बाद मस्तिष्क में सूजन आ जाती हैं और व्यक्ति की मौत या फिर कोमा में चला जाता हैं।

चांदीपुरा वायरस के लक्षण

* अचानक से शरीर का गर्म होना, तेज बुखार और सिरदर्द शुरू हो जाना।

* जी मचलाना और लगातार उल्टी-दस्त होना।

* कमजोरी महसूस होना और बेहोश हो जाना।

चांदीपुरा वायरस से बचाव और उपचार

* चांदीपुरा वायरस से बचने के लिए वर्तमान में कोई विशिष्ट उपचार या दवा नहीं है।

* यह वायरस काफी खतरनाक है और इसके लक्षण एन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) के समान ही नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए मरीज को वायरस के लक्षण महसूस होते ही जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

* चांदीपुरा वायरस को रोकने के लिए मच्छरों और मक्खियों से बचना चाहिए और स्वस्थ तथा पौष्टिक आहार खाना चाहिए।

* मॉनसून के दौरान खुले में मिलने वाले भोजन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योकि इनपर मखियां बैठती हैं।

* इस वायरस से बचने के लिए साफ-सफाई और सावधानियां बरतने की नहुत जरूरत हैं।

 

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