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AIFF की बैठक: क्लब और कानूनी सलाहकार करेंगे ISL 2025 की अनिश्चितता सुलझाने पर चर्चा

AIFF की बैठक: क्लब और कानूनी सलाहकार करेंगे ISL 2025 की अनिश्चितता सुलझाने पर चर्चा

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने बुधवार को खेल की सर्वोच्च संस्था और ISL क्लबों के कानूनी सलाहकारों से अनुरोध किया कि वे आगामी सीज़न को लेकर टीमों की चिंताओं पर चर्चा करें।

स्पोर्ट्स न्यूज़: इंडियन सुपर लीग (ISL) 2025 को लेकर अनिश्चितता बढ़ती जा रही है, और इस बीच अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने सभी संबंधित पक्षों को एक उच्च स्तरीय बैठक में बुलाया है। बैठक में आईएसएल क्लबों और महासंघ के कानूनी सलाहकार मौजूद रहेंगे, ताकि लीग के आगामी सत्र और वर्तमान स्थिति पर खुलकर चर्चा की जा सके।

क्लबों की चिंता और एआईएफएफ का जवाब

पिछले सप्ताह 11 आईएसएल क्लबों ने एआईएफएफ को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने अनुरोध किया कि लीग के भविष्य और अनिश्चितता से उत्पन्न भारतीय फुटबॉल की वर्तमान स्थिति को उच्चतम न्यायालय के ध्यान में लाया जाए। क्लबों ने स्पष्ट किया कि अगर महासंघ उनके अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं करता है, तो उनके पास स्वतंत्र रूप से न्यायिक सहायता लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा।

एआईएफएफ ने इस पत्र को स्वीकार करते हुए शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को इसे प्राप्त किया। इसके बाद 13 अगस्त 2025 को महासंघ ने जवाब दिया और क्लबों और कानूनी सलाहकारों को बैठक में आमंत्रित किया। एआईएफएफ ने ट्वीट कर इस जानकारी को साझा करते हुए कहा:

'एआईएफएफ को 8 अगस्त 2025 को 11 इंडियन सुपर लीग क्लबों से एक पत्र मिला, जिसमें सामूहिक रूप से उच्चतम न्यायालय को आईएसएल से जुड़ी मौजूदा अनिश्चितता से अवगत कराने का अनुरोध किया गया। 13 अगस्त को एआईएफएफ ने जवाब दिया और अनुरोध किया कि क्लबों और महासंघ के कानूनी सलाहकार इस मामले पर चर्चा करें और आगे की कार्रवाई पर निर्णय लें।'

लीग की अनिश्चितता का कारण

आईएसएल क्लबों की चिंता मुख्य रूप से राष्ट्रीय महासंघ के संविधान से संबंधित लंबित मामलों को लेकर है। पिछले कुछ समय में फुटबॉल जगत में कई प्रशासनिक और कानूनी विवाद सामने आए हैं, जिससे लीग के संचालन में अनिश्चितता पैदा हो गई है। क्लबों का मानना है कि यदि स्थिति का समाधान जल्दी नहीं हुआ, तो भारतीय फुटबॉल के शीर्ष लीग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

इस उच्च स्तरीय बैठक का उद्देश्य सिर्फ वर्तमान समस्याओं पर चर्चा करना ही नहीं है, बल्कि यह तय करना भी है कि कैसे आईएसएल 2025 का संचालन सुचारू रूप से किया जाए। बैठक में शामिल होने वाले कानूनी सलाहकार लीग के भविष्य को लेकर विभिन्न विकल्पों पर विचार करेंगे और संभावित कानूनी मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक भारतीय फुटबॉल के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। यदि क्लबों और एआईएफएफ के बीच सहमति बन जाती है, तो लीग का आगामी सत्र समय पर शुरू हो सकता है। वहीं, किसी विवाद के लंबे समय तक बढ़ने की स्थिति में लीग संचालन में देरी हो सकती है, जिससे खिलाड़ियों, क्लबों और फैंस पर असर पड़ेगा।

आईएसएल ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय फुटबॉल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह लीग न केवल घरेलू खिलाड़ियों को मंच देती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के लिए भी अवसर प्रस्तुत करती है। हालांकि, प्रशासनिक विवाद और कानूनी अनिश्चितता लीग के विकास को प्रभावित कर सकती है।

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