अमेरिका ने नासा और लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित X-59 सुपरसोनिक विमान का सफल परीक्षण किया। यह विमान पारंपरिक सुपरसोनिक विमानों की तरह तेज आवाज नहीं करता। मच 1.4 की गति और ‘Quiet Supersonic Technology’ के साथ यह भविष्य की तेज और शांत हवाई यात्रा का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
X-59 Supersonic Aircraft: अमेरिका ने ध्वनि की गति से तेज उड़ान भरने वाले एक्स-59 सुपरसोनिक विमान का सफल परीक्षण किया है। इसे नासा और लॉकहीड मार्टिन ने मिलकर विकसित किया है। यह विमान न केवल तेज है, बल्कि उड़ान भरते समय पारंपरिक सुपरसोनिक विमानों की तरह तेज आवाज नहीं करता। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह 'Quiet Supersonic Technology' (QueSST) का पहला सफल प्रोटोटाइप है। एक्स-59 की यह विशेषता इसे भविष्य की उड़ानों के लिए क्रांतिकारी बनाती है।
कैलिफोर्निया में भरी पहली उड़ान
X-59 ने अपनी पहली उड़ान कैलिफोर्निया के रेगिस्तानी इलाके में भरी। नासा के प्रमुख परीक्षण पायलट नील्स लार्सन ने लॉकहीड मार्टिन स्कंक वर्क्स फैसिलिटी से विमान को उड़ाया और इसे नासा आर्मस्ट्रांग फ्लाइट रिसर्च सेंटर में सुरक्षित उतारा। पहली उड़ान लगभग 30 मिनट चली और सबसोनिक गति पर सीमित रही, जिसमें सभी सिस्टम सामान्य पाए गए। इस दौरान पूरे सेंटर में उत्साह और तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।
X-59 का मुख्य फीचर: सॉनिक बूम को कम करना
X-59 को क्वाइट सुपरसोनिक टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया गया है। इसका सबसे बड़ा फीचर पारंपरिक सुपरसोनिक विमानों में उत्पन्न सॉनिक बूम को कम करना है। सामान्य सुपरसोनिक विमान उड़ान के दौरान 110-140 डेसिबल का तेज धमाका पैदा करते हैं, जबकि X-59 केवल 60-80 डेसिबल का 'थंप' शोर करता है।

यह शोर कार के दरवाजा बंद होने जैसी आवाज देता है। इसका खास डिज़ाइन हवा के प्रवाह को नाक से पंखों तक नियंत्रित करता है, जिससे आवाज ऊपर की ओर मोड़ दी जाती है।
गति और उड़ान की क्षमता
X-59 सिंगल-सीटर विमान है और मच 1.4 की गति यानी लगभग 1508 किलोमीटर प्रति घंटा तक उड़ सकता है। पहली परीक्षण उड़ान में इसे 250 नॉट्स की सबसोनिक गति पर रखा गया। विमान की लंबाई 99 फीट और पंखों का फैलाव 29 फीट है। इसे GE F414 इंजन से लैस किया गया है। 2018 से इस परियोजना पर काम चल रहा है और नासा ने इसमें 500 मिलियन डॉलर से अधिक निवेश किया है।
क्या है नासा का लक्ष्य
नासा का प्रमुख लक्ष्य सुपरसोनिक उड़ानों पर 1970 के दशक से लगे प्रतिबंध को हटाना है, खासकर भूमि के ऊपर। भविष्य में X-59 परीक्षण उड़ानें विशेष हवाई गलियारों से गुजरते हुए शहरों के ऊपर से उड़ान भरेगा। जनता से शोर स्तर पर फीडबैक लिया जाएगा, और इसके आधार पर FAA नियमों में बदलाव किए जाएंगे। अनुमान है कि 2027-2028 तक ये उड़ानें शुरू होंगी।
सुपरसोनिक यात्रा में संभावित क्रांति
X-59 की सफलता वाणिज्यिक सुपरसोनिक यात्रा जैसे कंसॉर्ड की वापसी की राह खोल सकती है। यह परियोजना न केवल तेज उड़ान की संभावना देती है बल्कि पर्यावरणीय चिंता को भी ध्यान में रखती है। विमान उड़ान के दौरान कम शोर करता है, जिससे शहरों और निवासियों पर कोई अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
 
                                                                        
                                                                             
                                                












