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अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन किया घोषित, इशाक डार बोले- 'पाकिस्तान को कोई आपत्ति नहीं'

अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन किया घोषित, इशाक डार बोले- 'पाकिस्तान को कोई आपत्ति नहीं'

पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार का यह बयान कि "अगर TRF को लेकर अमेरिका के पास कोई सबूत है तो पाकिस्तान उसका स्वागत करेगा", एक राजनयिक संतुलन साधने की कोशिश मानी जा रही है।

Pakistan on TRF Connection: अमेरिका द्वारा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन (Foreign Terrorist Organization - FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान ने खुलकर सफाई पेश की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अमेरिका से स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि TRF को लेकर कोई ठोस प्रमाण हैं, तो इस्लामाबाद उन पर कार्रवाई को तैयार है। हालांकि, उन्होंने TRF और लश्कर-ए-तैयबा के बीच किसी भी कनेक्शन को खारिज कर दिया है।

अमेरिका ने उठाया बड़ा कदम

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद TRF का नाम एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय फोकस में आया। इस हमले में कई निर्दोष नागरिक मारे गए थे। TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। अमेरिका ने इस घटना को आधार बनाते हुए TRF को आतंकी संगठन घोषित कर दिया।अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, TRF दरअसल लश्कर-ए-तैयबा का ही नया चेहरा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए एक अलग नाम और पहचान दी गई है। TRF की गतिविधियाँ भारत में आतंक और अस्थिरता फैलाने पर केंद्रित रही हैं।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: TRF से कोई लेना-देना नहीं

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा: अगर TRF के खिलाफ कोई सबूत हैं तो पाकिस्तान उनका स्वागत करता है। लेकिन TRF और लश्कर-ए-तैयबा के बीच कोई संबंध नहीं है। पाकिस्तान ने लश्कर के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की है – संगठन को खत्म किया गया, लोग गिरफ्तार हुए, और नेटवर्क को नष्ट किया गया।

उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के उस बयान में TRF का नाम शामिल किए जाने का विरोध किया था, जो पहलगाम हमले की निंदा में जारी किया गया था। पाकिस्तान के दबाव के बाद UNSC के बयान से TRF का उल्लेख हटा दिया गया।

भारत ने पहले ही TRF को घोषित किया था आतंकी संगठन

भारत ने जनवरी 2023 में ही TRF को UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था। भारत का कहना है कि TRF की स्थापना 2019 में सोशल मीडिया प्रचार माध्यमों के जरिए की गई थी और तब से यह संगठन जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।

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भारत ने पिछले दो वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति के समक्ष TRF के खिलाफ सबूत पेश किए हैं — विशेषकर मई 2023, मई 2024 और नवंबर 2024 में।

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

भारत ने पाकिस्तान पर सीधा आरोप लगाया है कि वह TRF जैसे संगठनों का इस्तेमाल कर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। भारत का कहना है कि TRF लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संरक्षण में काम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हालिया भाषण में कहा था:भारत पर्यटन में विश्वास करता है, लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद को पर्यटन समझता है। यह न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है।

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