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पुरुषों के लिए आई पहली गर्भनिरोधक गोली, जानिए YCT-529 में क्या है खास

पुरुषों के लिए आई पहली गर्भनिरोधक गोली, जानिए YCT-529 में क्या है खास

अब तक गर्भनिरोधन की जिम्मेदारी महिलाओं पर ही ज्यादा होती थी, लेकिन अब इस दिशा में एक बड़ी खोज सामने आई है. अमेरिका में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी गर्भनिरोधक गोली तैयार की है जो पुरुषों के लिए है और सबसे खास बात यह है कि यह हार्मोनल नहीं है. इस दवा का नाम YCT-529 है और यह इंसानों पर शुरुआती ट्रायल में सुरक्षित पाई गई है.

क्या है YCT-529 और कैसे करती है काम

YCT-529 एक नॉन-हार्मोनल पुरुष गर्भनिरोधक गोली है जिसे खासतौर पर इस उद्देश्य से तैयार किया गया है कि पुरुष बिना सर्जरी और बिना हार्मोनल बदलाव के गर्भनिरोध की जिम्मेदारी उठा सकें. यह दवा शरीर के अंदर मौजूद एक खास रिसेप्टर पर काम करती है जिसे मेडिकल भाषा में रेटिनोइक एसिड रिसेप्टर अल्फा कहा जाता है.

यह रिसेप्टर स्पर्म बनने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. YCT-529 इसी रिसेप्टर को ब्लॉक कर देती है, जिससे शरीर में स्पर्म का निर्माण बंद हो जाता है. लेकिन यह प्रक्रिया टेस्टोस्टेरोन या शरीर के किसी और हार्मोन को नहीं छेड़ती. यानी न पुरुष की आवाज पर असर, न चेहरे पर बालों पर, न किसी यौन क्षमता पर कोई फर्क.

इंसानों पर शुरुआती परीक्षण में क्या पाया गया

YCT-529 का पहला फेज ट्रायल अमेरिका में 16 स्वस्थ पुरुषों पर किया गया. इन पुरुषों को 10 से 180 मिलीग्राम तक की डोज दी गई. कुछ लोगों को यह गोली खाली पेट दी गई और कुछ को भोजन के बाद, ताकि यह परखा जा सके कि भोजन का कोई असर होता है या नहीं.

ट्रायल में यह साफ हुआ कि दवा हर स्थिति में काम करती है. न तो खाने का असर पड़ा और न ही किसी प्रकार का गंभीर साइड इफेक्ट देखने को मिला. दवा शरीर में सुरक्षित पाई गई और इससे कोई हार्मोनल गड़बड़ी नहीं हुई.

जानवरों पर मिले थे शानदार नतीजे

इस गोली को इंसानों से पहले जानवरों पर भी परीक्षण किया गया था. चूहों को जब लगातार चार हफ्ते तक यह गोली दी गई, तो 99 प्रतिशत तक प्रेग्नेंसी रोकी जा सकी. इस प्रयोग में देखा गया कि गोली बंद करते ही कुछ ही हफ्तों में स्पर्म का उत्पादन दोबारा शुरू हो गया और प्रजनन क्षमता वापस लौट आई.

इसी तरह बंदरों पर भी यह प्रयोग दोहराया गया. वहां भी दवा ने स्पर्म बनने की प्रक्रिया को रोका और दवा बंद करने के बाद स्थिति सामान्य हो गई. इससे यह साबित हो गया कि दवा का असर पूरी तरह से पलटा जा सकता है और यह स्थायी नहीं है.

अब आगे क्या होगा

अब इस दवा का दूसरा ट्रायल यानी फेज-2 चल रहा है. इसमें ज्यादा लोगों को शामिल किया गया है और दवा को लंबे समय तक देकर देखा जा रहा है कि इसका असर कितना मजबूत और सुरक्षित रहता है.

इस चरण में यह भी परखा जा रहा है कि दवा से स्पर्म की गिनती में कितनी गिरावट आती है और क्या यह गर्भधारण को पूरी तरह रोक पाने में सक्षम है या नहीं. फेज-2 सफल रहने के बाद तीसरा और अंतिम चरण होगा, जिसमें हजारों लोगों पर इसका परीक्षण किया जाएगा.

अगर सबकुछ सही रहा, तो यह दवा साल 2026 से लेकर 2029 के बीच बाजार में आ सकती है.

महिलाओं पर से घटेगा दबाव

अब तक फैमिली प्लानिंग का बोझ ज्यादातर महिलाओं पर ही रहा है. चाहे वह गर्भनिरोधक गोली हो, कॉपर-टी हो या फिर हार्मोनल इंजेक्शन, महिलाओं को ही शरीर में हस्तक्षेप झेलना पड़ता है.

इन उपायों के कई बार साइड इफेक्ट्स भी सामने आते हैं जैसे हार्मोनल असंतुलन, वजन बढ़ना, मासिक चक्र में बदलाव या फिर मानसिक तनाव. लेकिन अब YCT-529 जैसे विकल्प आने से पुरुषों को भी जिम्मेदारी निभाने का मौका मिलेगा और महिलाओं पर दबाव कम होगा.

सोच में आएगा बदलाव

भारत जैसे देश में जहां परिवार नियोजन पर खुलकर बात करना अब भी थोड़ी झिझक वाला विषय है, ऐसे में इस तरह की दवाएं समाज में सोच को बदलने का काम कर सकती हैं.

अब पुरुष सिर्फ कंडोम या नसबंदी के सीमित विकल्पों तक ही नहीं रह जाएंगे. एक साधारण गोली के रूप में एक नया विकल्प उनके सामने होगा, जिसे वे अपनी सुविधा और मर्जी से ले सकेंगे.

अब चर्चा का वक्त है

YCT-529 जैसी दवाएं विज्ञान की बड़ी उपलब्धि हैं, लेकिन इनका असर तभी दिखेगा जब समाज इन्हें अपनाने के लिए तैयार हो. अब जरूरी है कि पुरुष गर्भनिरोध को सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी मानने की सोच से बाहर आएं.

इस नई खोज के जरिए एक नई शुरुआत हो रही है जहां पुरुष और महिला दोनों परिवार नियोजन में बराबरी से भागीदारी निभा सकते हैं. वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि यह दवा जल्द ही आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी और यह पूरी प्रक्रिया सुरक्षित और असरदार साबित होगी.

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