अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार 3 जुलाई से तीर्थयात्रियों का जत्था रवाना होगा, और इसके लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जिन श्रद्धालुओं ने अब तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था, उनके लिए प्रशासन ने विशेष रजिस्ट्रेशन केंद्र बनाए हैं।
नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियां अपने चरम पर हैं, और जिन श्रद्धालुओं ने अब तक पंजीकरण नहीं कराया था, उनके लिए राहत भरी खबर सामने आई है। प्रशासन ने 30 जून से तत्काल पंजीकरण की व्यवस्था शुरू कर दी है, जिससे आखिरी वक्त में भी पंजीकरण संभव हो सकेगा। यह रजिस्ट्रेशन जम्मू में विशेष रूप से स्थापित टोकन केंद्रों पर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जा रहा है।
जम्मू दक्षिण के एसडीएम मनु हंसा ने जानकारी दी कि सरस्वती धाम में एकमात्र ऐसा टोकन सेंटर खोला गया है, जहां बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों के लिए टोकन मिल रहे हैं। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होगी, जिसमें बालटाल मार्ग की 14 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई और पहलगाम के 48 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग शामिल हैं। बालटाल का रास्ता बुजुर्गों के लिए थोड़ा कठिन माना जाता है, जबकि पहलगाम मार्ग अपेक्षाकृत सुगम है।
ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन
जिन भक्तों ने ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण नहीं कराया, वे अब जम्मू में बने तत्काल पंजीकरण काउंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके लिए श्रद्धालुओं को आधार कार्ड, चार पासपोर्ट साइज फोटो, मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट (SASB द्वारा अधिकृत डॉक्टर से), और अन्य पहचान पत्र जैसे वोटर आईडी या पैन कार्ड लेकर जाना होगा।
रजिस्ट्रेशन से पहले मेडिकल चेकअप अनिवार्य है। उसके बाद ही श्रद्धालुओं को टोकन जारी किया जाएगा। भारतीय नागरिकों के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुल्क 120 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया है, जबकि ऑनलाइन पंजीकरण के लिए 220 रुपये प्रति व्यक्ति का शुल्क निर्धारित है।
यहां हैं पंजीकरण केंद्र
सरस्वती धाम, जम्मू रेलवे स्टेशन के पास: बालटाल और पहलगाम दोनों रूट के लिए टोकन मिलता है
- वैष्णवी धाम, जम्मू: सामान्य श्रद्धालुओं का पंजीकरण केंद्र
- पंचायत भवन महाजन, जम्मू: ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन का एक अन्य केंद्र
- ई-केवाईसी सेंटर, रेलवे स्टेशन और भगवती नगर बेस कैंप: साधु-संतों के लिए विशेष पंजीकरण केंद्र
- देशभर की नामित बैंक शाखाएं: 533 से ज्यादा बैंक शाखाओं में भी पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें PNB, SBI, J&K बैंक और यस बैंक शामिल हैं।
पहला जत्था दो जुलाई को रवाना होगा
यात्रा का पहला जत्था 2 जुलाई को जम्मू बेस कैंप से रवाना होगा। प्रशासन ने बताया कि इस बार सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर CRPF, भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और J&K SDRF की तैनाती की गई है। एनएच-44 पर खास निगरानी रखी जा रही है। डॉग स्क्वॉड से लेकर हाई-टेक सर्विलांस तक का इस्तेमाल हो रहा है।
रविवार को समरोली और टोल्डी नाला के बीच एक मॉक ड्रिल भी की गई, जिसमें भूस्खलन जैसी आपदा से निपटने की तैयारियों का आकलन किया गया। इस मॉक ड्रिल में फंसे वाहनों को रेस्क्यू करना, घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और आपात चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की प्रक्रिया का अभ्यास किया गया।
श्रद्धालुओं में उत्साह, डर को किया दरकिनार
पिछले दिनों पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बावजूद श्रद्धालुओं में कोई डर नहीं दिखा। रजिस्ट्रेशन सेंटर पर पहुंचे एक भक्त ने कहा, “हमें अमरनाथ बाबा पर पूरा भरोसा है। जो लोग हमें डराना चाहते हैं, वे नाकाम होंगे। हमारी आस्था अडिग है। एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “हम सरकार और सेना के साथ हैं। उनकी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है, हमें कोई चिंता नहीं।
एसडीएम का बयान
एसडीएम मनु हंसा ने कहा, “हमने सरस्वती धाम में जम्मू का इकलौता ऐसा सेंटर खोला है, जहां दोनों रूट का टोकन मिलता है। इसके अलावा जम्मू शहर में 3 पंजीकरण केंद्र और बनाए गए हैं, जबकि बालटाल और पहलगाम के लिए 6-6 टोकन केंद्र तय किए गए हैं। श्रद्धालुओं को परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
अमरनाथ यात्रा दुर्गम और ऊंचाई वाला ट्रैक है, जहां ऑक्सीजन की कमी और ठंड का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि श्रद्धालु की सेहत इस कठिन यात्रा के अनुकूल है। बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे पंजीकरण के लिए अपने सभी दस्तावेज पूरे रखें और किसी भी अफवाह से बचें। रजिस्ट्रेशन केंद्र पर सहयोग करें ताकि प्रक्रिया सरल और तेज हो सके।