Anthem Biosciences IPO: एंथम बायोसाइंसेज का आईपीओ 14 जुलाई को खुलेगा और 16 जुलाई 2025 को बंद होगा। एंकर निवेशकों के लिए बिडिंग 11 जुलाई को शुरू होगी।
फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र की जानी-मानी कंपनी एंथम बायोसाइंसेज शेयर बाजार में कदम रखने जा रही है। कंपनी ने अपना प्राइस बैंड तय करते हुए पब्लिक इश्यू की पूरी रूपरेखा साझा कर दी है। एंथम बायोसाइंसेज का यह इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ 14 जुलाई 2025 को खुलेगा और निवेशक इसमें 16 जुलाई 2025 तक अप्लाई कर सकेंगे।
इश्यू का साइज और कीमत तय
कंपनी ने अपने आईपीओ के जरिए 3395 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्राइस बैंड 540 रुपये से 570 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। यह इश्यू पूरी तरह ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत आएगा। यानी इस इश्यू से कंपनी को कोई नई पूंजी नहीं मिलने वाली है, बल्कि प्रवर्तक और मौजूदा निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे।
एंकर निवेशकों के लिए 11 जुलाई को खुलेगा मौका
आईपीओ के लिए एंकर निवेशकों को 11 जुलाई को बोली लगाने का मौका मिलेगा। इसके बाद आम निवेशक 14 से 16 जुलाई के बीच अप्लाई कर सकेंगे। इस इश्यू में 50 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) के लिए आरक्षित है, वहीं 15 प्रतिशत नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) और 35 प्रतिशत रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व रखा गया है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए भी 8.25 करोड़ रुपये तक के शेयर रिजर्व रखे हैं।
लॉट साइज और निवेश राशि
एंथम बायोसाइंसेज के आईपीओ में एक लॉट में 26 शेयर होंगे। यानी रिटेल निवेशक कम से कम एक लॉट के लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें न्यूनतम 14,820 रुपये का निवेश करना होगा। अधिकतम कितने लॉट तक आवेदन किया जा सकता है, यह सेबी की मौजूदा गाइडलाइंस और रिटेल इन्वेस्टर की निवेश सीमा के अनुसार तय होगा।
अलॉटमेंट, रिफंड और लिस्टिंग डेट भी तय
आईपीओ में जिन निवेशकों को शेयर अलॉट होंगे, उनकी जानकारी 17 जुलाई 2025 को घोषित की जाएगी। अलॉटमेंट नहीं मिलने की स्थिति में निवेशकों को रिफंड प्रक्रिया 18 जुलाई से शुरू हो जाएगी। इसी दिन डीमैट अकाउंट में शेयरों की क्रेडिटिंग भी शुरू होने की उम्मीद है। एंथम बायोसाइंसेज के शेयर 21 जुलाई को बीएसई और एनएसई दोनों एक्सचेंज पर लिस्ट हो सकते हैं।
कंपनी का बायोटेक सेक्टर में योगदान
एंथम बायोसाइंसेज एक अग्रणी CRDMO यानी कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च, डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन है। यह फार्मा कंपनियों के लिए रिसर्च, फॉर्मूलेशन डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग सेवाएं प्रदान करती है। नवाचार आधारित कामकाज के कारण कंपनी को बायोटेक्नोलॉजी सेक्टर में एक खास पहचान मिली है। कंपनी के क्लाइंट्स भारत के साथ-साथ अमेरिका, यूरोप और जापान जैसे देशों में भी फैले हुए हैं।
कंपनी की विकास यात्रा
बेंगलुरु स्थित इस कंपनी की शुरुआत 2001 में हुई थी और अब तक यह कई मल्टीनेशनल दवा कंपनियों के साथ काम कर चुकी है। कंपनी की आरएंडडी, मॉलिक्यूलर रिसर्च, प्रोटीन इंजीनियरिंग और फार्मा मैन्युफैक्चरिंग जैसी सर्विसेज में विशेषज्ञता है। इसके पास अत्याधुनिक रिसर्च लैब्स और प्रोडक्शन फैसिलिटी भी मौजूद है।
आईपीओ का मकसद और OFS का रोल
एंथम बायोसाइंसेज के आईपीओ के जरिए कोई नया इक्विटी शेयर जारी नहीं किया जा रहा है। यह इश्यू पूरी तरह बिक्री पेशकश यानी ऑफर फॉर सेल पर आधारित है, जिसमें मौजूदा प्रमोटर्स और निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचकर निकासी करेंगे। इससे मिलने वाली पूरी रकम संबंधित शेयरधारकों के पास जाएगी, न कि कंपनी के खाते में।
फार्मा सेक्टर में बढ़ती हलचल
एंथम बायोसाइंसेज का यह आईपीओ ऐसे समय में आ रहा है जब फार्मा और बायोटेक सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। हाल के महीनों में कई फार्मा कंपनियों ने आईपीओ या फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) के जरिए पूंजी जुटाई है। ऐसे माहौल में एंथम बायोसाइंसेज का बाजार में आना इंडस्ट्री के लिए एक और अहम कदम माना जा रहा है।
निवेशकों की नजर लिस्टिंग गेन पर
चूंकि यह इश्यू पूरी तरह OFS है, इसलिए इसका फोकस कंपनी के फंडिंग पर नहीं, बल्कि बाजार में हिस्सेदारी के ट्रांसफर पर है। ऐसे में निवेशकों की नजर लिस्टिंग प्राइस और संभावित गेन पर होगी। यदि ग्रे मार्केट में इस आईपीओ को मजबूत रिस्पॉन्स मिलता है, तो लिस्टिंग के दिन इसके शेयरों में अच्छी हलचल देखने को मिल सकती है।