देहरादून में आयोजित एक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “वन एवं वन्यजीव में नागरिक विज्ञान की भूमिका” के उद्घाटन अवसर पर भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक डा. गोविंद सागर भारद्वाज ने कहा कि आर्कटिक
क्षेत्र में अब तक लगभग 25 करोड़ एकड़ बर्फ पिघल चुकी है। उन्होंने यह चेतावनी दी कि इस तेज पिघलाव से ध्रुवीय जीव जैसे कि ध्रुवीय भालू, सील, व्हेल आदि के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
डा. भारद्वाज ने यह भी बताया कि इतिहास में पहले पाँच बार सामूहिक प्रजाति विनाश हो चुका है, और वर्तमान में मानवजन्य गतिविधियाँ, वायु प्रदूषण इत्यादि पर्यावरण संकट को और तीव्र कर रहे हैं।
उन्होंने तीन प्रमुख “भ्रम” (गलत धारणा) बताईं, जो पर्यावरणीय संकट को बढ़ा रही हैं:
मनुष्य सबसे बुद्धिमान प्राणी है
प्रकृति के संसाधन केवल मनुष्यों के लिए हैं
कार्यक्रम के दौरान अंकित गुप्ता (वैज्ञानिक सी) ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कहा गया कि यह प्रशिक्षण
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और अन्य हितधारकों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।