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ASEAN Defence Meeting 2025: राजनाथ सिंह बोले - ‘भारत की एक्ट ईस्ट नीति में आसियान अहम हिस्सा’

ASEAN Defence Meeting 2025: राजनाथ सिंह बोले - ‘भारत की एक्ट ईस्ट नीति में आसियान अहम हिस्सा’

मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिस्सा लिया। अपने संबोधन के दौरान राजनाथ सिंह ने भारत और आसियान देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की सराहना की और कहा कि दोनों पक्षों के संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं।

कुआलालंपुर: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (ADMM-Plus) में भाग लेते हुए कहा कि “भारत की एक्ट ईस्ट नीति में आसियान (ASEAN) एक जरूरी और अभिन्न हिस्सा है।” उन्होंने इस मंच को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक, आर्थिक और मानवीय सहयोग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आसियान डिफेंस मिनिस्टर्स मीटिंग-प्लस (ADMM-Plus) का शुरुआती दिनों से ही सक्रिय सदस्य रहा है, और यह मंच अब सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि रक्षा सहयोग का एक व्यावहारिक ढांचा बन गया है।

‘भारत की एक्ट ईस्ट नीति का अहम स्तंभ है आसियान’

अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा, भारत और आसियान देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी बीते वर्षों में और मजबूत हुई है। 2022 में जब आसियान-भारत संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित किया गया, वह इस गहरे सहयोग का प्रमाण था। यह न केवल रिश्तों की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि हमारे साझा क्षेत्रीय प्राथमिकताओं और दृष्टिकोण के तालमेल को भी दिखाता है।

उन्होंने कहा कि एक्ट ईस्ट पॉलिसी भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और रक्षा सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की दिशा में काम कर रही है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर भारत का फोकस

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य का उल्लेख करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का लक्ष्य इस क्षेत्र को मुक्त, समावेशी और नियम-आधारित बनाए रखना है। उन्होंने कहा, भारत आसियान देशों के साथ रक्षा सहयोग को क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और क्षमता निर्माण के रूप में देखता है। हमारा विजन है कि हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में कानून का शासन कायम रहे और यूएन कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (UNCLOS) के तहत नेविगेशन की आजादी सुनिश्चित की जाए। हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका बयान क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर भारत की रणनीतिक चिंता को दर्शाता है।

ADMM-Plus: सामूहिक सुरक्षा और सहयोग का मंच

राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में कहा कि पिछले डेढ़ दशक में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस (ADMM-Plus) की भूमिका और महत्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, यह मंच केवल संवाद का माध्यम नहीं रहा, बल्कि अब यह व्यावहारिक रक्षा सहयोग की दिशा में अग्रसर है। भारत इस मंच के जरिए आर्थिक विकास, तकनीकी साझेदारी और मानव संसाधन के विकास को भी आगे बढ़ाना चाहता है।”

ADMM-Plus में आसियान के 11 सदस्य देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और अमेरिका शामिल हैं। यह मंच क्षेत्र में रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने, क्षमता निर्माण, और मानवीय सहायता से जुड़ी पहलों पर केंद्रित है।

क्या है एक्ट ईस्ट पॉलिसी?

भारत की एक्ट ईस्ट नीति (Act East Policy) नवंबर 2014 में शुरू की गई थी, जो पूर्व की लुक ईस्ट पॉलिसी का उन्नत रूप है। इस नीति का उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशिया और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है। इस नीति के तहत भारत इन देशों के साथ —

  • व्यापार और निवेश,
  • कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट,
  • रक्षा और सुरक्षा सहयोग,
  • तकनीक और शिक्षा, तथा
  • संस्कृति और लोगों के बीच संपर्क

जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ा रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और आसियान का जुड़ाव केवल भूगोल तक सीमित नहीं, बल्कि यह साझा इतिहास, संस्कृति और भविष्य की आकांक्षाओं से भी जुड़ा है।

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