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BFI Elections 2025: पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को बड़ा झटका, निर्वाचक मंडल से नाम बाहर

BFI Elections 2025: पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को बड़ा झटका, निर्वाचक मंडल से नाम बाहर

पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को एक बार फिर से भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है। आगामी 21 अगस्त को होने वाले बीएफआई चुनावों के लिए बुधवार को जारी निर्वाचक मंडल में उनका नाम शामिल नहीं किया गया।

स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) के आगामी चुनावों से पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री और हिमाचल प्रदेश से सांसद अनुराग ठाकुर को एक बार फिर करारा झटका लगा है। BFI की अंतरिम समिति ने आगामी 21 अगस्त 2025 को होने वाले चुनावों के लिए जो 66 सदस्यीय निर्वाचक मंडल जारी किया है, उसमें ठाकुर का नाम शामिल नहीं है।

हिमाचल बॉक्सिंग संघ की नामांकन कोशिश नाकाम

हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ (HPBA) ने ठाकुर और संघ के अध्यक्ष राजेश भंडारी को आम वार्षिक बैठक (AGM) के लिए अपने प्रतिनिधियों के रूप में नामित किया था। AGM का मुख्य उद्देश्य 2025-2029 कार्यकाल के लिए नए पदाधिकारियों का चुनाव करना है। हालांकि, BFI की अंतरिम समिति ने जांच और संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर ठाकुर को एक बार फिर चुनाव के लिए अयोग्य ठहराया है।

BFI की अंतरिम समिति, जिसकी अध्यक्षता फैरुज मोहम्मद कर रहे हैं, ने स्पष्ट किया कि ठाकुर का नामांकन संविधान के अनुच्छेद 20(3) और 20(7) का उल्लंघन है। ये संशोधित संविधान, जिसे विश्व मुक्केबाजी (World Boxing) ने 18 मई 2025 को मंजूरी दी थी, BFI के चुनावी नियमों को सख्ती से परिभाषित करता है।

  1. अनुच्छेद 20(3) के अनुसार: कोई भी व्यक्ति AGM में तभी भाग ले सकता है जब वह संबंधित राज्य संघ का निर्वाचित प्रतिनिधि हो और BFI पर्यवेक्षक की उपस्थिति में चुनावी प्रक्रिया के तहत चुना गया हो। ठाकुर HPBA के निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं और इससे पहले 28 मार्च 2025 को भी इसी आधार पर उनका नामांकन खारिज किया गया था।
  2. अनुच्छेद 20(7) के अनुसार: कोई भी व्यक्ति जो सरकारी कर्मचारी है या सार्वजनिक पद पर आसीन है, वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना जाएगा। अनुराग ठाकुर वर्तमान में हिमाचल प्रदेश से लोकसभा सांसद हैं, इसलिए यह प्रावधान भी उनके खिलाफ जाता है।

पहले भी हुई थी अयोग्यता

मार्च में हुए प्रस्तावित चुनावों से पहले भी BFI के तत्कालीन अध्यक्ष अजय सिंह ने ठाकुर की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया था। उस समय का कार्यालय आदेश अब संशोधित BFI संविधान का आधिकारिक हिस्सा बन चुका है, जिससे ठाकुर की स्थिति और अधिक कमजोर हो गई है। ठाकुर के अलावा, दिल्ली एमेच्योर मुक्केबाजी संघ (DABA) के प्रतिनिधि रोहित जैनेंद्र जैन का नामांकन भी संविधान के अनुच्छेद 20(3) के उल्लंघन के चलते खारिज कर दिया गया है। यह दर्शाता है कि BFI की अंतरिम समिति किसी भी असंगत नामांकन को मंजूरी देने के पक्ष में नहीं है।

HPBA के अध्यक्ष राजेश भंडारी ने अंतरिम समिति द्वारा किए गए संशोधनों की वैधता को चुनौती देते हुए एक नया मुकदमा भी दायर किया है। भंडारी का कहना है कि अंतरिम समिति ने कार्यकारी परिषद की मंजूरी के बिना संविधान में संशोधन किया, जो असंवैधानिक है। यह विवाद चुनावी प्रक्रिया को एक बार फिर कानूनी उलझनों में डाल सकता है।

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