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भारत बना दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक, 12 लाख करोड़ का डेयरी मार्केट

भारत बना दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक, 12 लाख करोड़ का डेयरी मार्केट

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया है, डेयरी सेक्टर का बाजार 12 लाख करोड़ रुपये का है और इसमें 1.7 करोड़ किसान जुड़े हैं। फूड प्रोसेसिंग उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, 100% FDI की अनुमति से निवेश आकर्षित हो रहा है। यह क्षेत्र 2030 तक दोगुना होने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की क्षमता रखता है।

Dairy and Food Processing Sector: भारत का डेयरी और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें डेयरी उद्योग का योगदान 25% है और देश दुनिया का एक-चौथाई दूध उत्पादन करता है। 12 लाख करोड़ रुपये के बाजार में 1.7 करोड़ किसान शामिल हैं। अनुगा फूडटेक इंडिया 2025 में बताया गया कि फूड प्रोसेसिंग उपकरण और पैकेजिंग मशीनरी का बाजार 2030-2033 तक बड़े पैमाने पर बढ़ने की संभावना रखता है, जबकि सरकार 100% FDI की अनुमति दे रही है।

डेयरी उद्योग में तकनीक का योगदान

डेयरी उद्योग में तकनीक की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। सरकार और निजी संस्थानों ने मिलकर डेयरी क्षेत्र को सशक्त बनाने में अहम योगदान दिया है। नई तकनीक और इनोवेशन के माध्यम से किसानों की उत्पादकता बढ़ रही है और डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता भी बेहतर हो रही है।

मुंबई में आयोजित अनुगा फूडटेक इंडिया और अनुगा सिलेक्ट इंडिया 2025 के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के कार्यकारी निदेशक सीतारामन रघुपति ने बताया कि भारत के खाद्य एवं पेय क्षेत्र में डेयरी सेक्टर का योगदान 25 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के एक-चौथाई दूध का उत्पादन करता है, जिसकी बाजार कीमत 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

किसानों और महिलाओं को मिला रोजगार

डेयरी सेक्टर में लगभग 2,35,000 गांवों के 1.7 करोड़ किसान जुड़े हुए हैं। इसमें करीब 35 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह सेक्टर न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद कर रहा है, बल्कि महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार का अवसर भी प्रदान करता है।

फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की तेजी

सीतारामन रघुपति ने कहा कि देश का फूड प्रोसेसिंग सेक्टर आने वाले वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला उद्योग होगा। इसका समर्थन 180 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि, 7.5 लाख करोड़ रुपये के खाद्य प्रसंस्करण और उपभोक्ता खर्च के 40 प्रतिशत से अधिक के खाद्य लागत द्वारा किया जा रहा है।

वैश्विक व्यापार और तकनीक आधारित विकास

अनुगा फूडटेक इंडिया और अनुगा सिलेक्ट इंडिया 2025 में भारत, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, डीआर कांगो और थाईलैंड के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ कोलनमेसे जीएमबीएच और कोलनमेसे इंडिया के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान नवाचार, वैश्विक व्यापार साझेदारी और तकनीक आधारित विकास के केंद्र के रूप में भारत की भूमिका पर जोर दिया गया।

कोएल्नमेसे प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मिलिंद दीक्षित ने कहा कि अनुगा फूडटेक और अनुगा सिलेक्ट इंडिया भारत के खाद्य एवं पेय उद्योग के लिए बदलाव का शक्तिशाली इंजन बनकर उभरे हैं। ये मंच नई तकनीकों तक पहुंच, स्थायी समाधान अपनाने और दीर्घकालिक सहयोग बनाने का अवसर प्रदान करते हैं।

बाजार और वृद्धि दर

उद्योग जगत के नेताओं का मानना है कि भारत का फूड प्रोसेसिंग और सामग्री क्षेत्र 8.8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है और 2030 तक यह दोगुना होने की संभावना है। वहीं फूड टेक क्षेत्र 14 प्रतिशत की CAGR के साथ वैश्विक मानकों से आगे निकल रहा है।

उपकरण और पैकेजिंग का विस्तार

भारत में फूड प्रोसेसिंग उपकरणों का बाजार 2033 तक 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। इसके अलावा पैकेजिंग मशीनरी का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है और 2030 तक यह 6.6 अरब अमेरिकी डॉलर पार कर जाएगा। इससे न केवल उद्योग को मजबूती मिलेगी बल्कि रोजगार और निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे।

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