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भारत की GDP, GST, मैन्युफैक्चरिंग और ऑटो एक्सपोर्ट में जबरदस्त बढ़त, टैरिफ पर ट्रंप का टूटेगा हर ख्वाब

भारत की GDP, GST, मैन्युफैक्चरिंग और ऑटो एक्सपोर्ट में जबरदस्त बढ़त, टैरिफ पर ट्रंप का टूटेगा हर ख्वाब

अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में जीडीपी 7.8% बढ़ी, अगस्त में जीएसटी संग्रह 1.67 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचा। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर रिकॉर्ड ऊंचाई पर, जबकि ऑटो एक्सपोर्ट में भी तेजी दिखी। इससे भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होने और टैरिफ संबंधी चिंताओं को कमजोर करने में मदद मिली।

US tariff: बीते एक हफ्ते में भारत ने आर्थिक मोर्चे पर पांच बड़े संकेत देकर अपने विरोधियों के दावे को झूठा साबित किया। अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में जीडीपी 7.8% बढ़ी, अगस्त में ग्रॉस जीएसटी संग्रह 1.86 लाख करोड़ और नेट 1.67 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 17 साल के उच्च स्तर पर, सर्विस सेक्टर 15 साल के उच्चतम स्तर पर और ऑटो एक्सपोर्ट में भी बढ़ोतरी दर्ज हुई। ये आंकड़े भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को दर्शाते हैं।

GDP की उम्मीद से बेहतर वृद्धि

भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह आंकड़ा विशेषज्ञों के अनुमान से बेहतर है और अमेरिका के टैरिफ से पहले की पांच तिमाहियों में सबसे अधिक है। कृषि क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन के साथ-साथ व्यापार, होटल, वित्तीय सेवाओं और रियल एस्टेट सेक्टर की वृद्धि ने इस आंकड़े को ऊंचा किया। चीन की जीडीपी वृद्धि इस दौरान केवल 5.2 प्रतिशत रही, जिससे भारत की स्थिति और मजबूत हुई।

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस वित्त वर्ष के लिए रीयल जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। वास्तविक आंकड़े इससे ऊपर रहे, जिससे देश की आर्थिक नीतियों की मजबूती साबित हुई।

GST कलेक्शन में लगातार बढ़त

अगस्त 2025 में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 6.5 प्रतिशत बढ़कर 1.86 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले साल अगस्त में यह आंकड़ा 1.75 लाख करोड़ रुपये था। इसी अवधि में नेट जीएसटी रेवेन्यू भी 1.67 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ गया, जो सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इन आंकड़ों से साफ है कि भारत सरकार के राजस्व संग्रह में मजबूती आई है और देश की आर्थिक सेहत मजबूत बनी हुई है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने बनाया 17 साल का रिकॉर्ड

अगस्त में भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 17 साल में सबसे तेज वृद्धि दर्ज कर गया। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI) जुलाई के 59.1 से बढ़कर अगस्त में 59.3 पर पहुंच गया। उत्पादन क्षमता में वृद्धि, स्वस्थ मांग और रोजगार में लगातार बढ़ोतरी ने इसे संभव बनाया। रोजगार में यह 18वां लगातार महीना था जिसमें वृद्धि दर्ज हुई।

सर्विस सेक्टर 15 साल के उच्च स्तर पर

देश के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट अगस्त में 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। एचएसबीसी इंडिया सेवा PMI कारोबारी गतिविधि सूचकांक जुलाई के 60.5 से बढ़कर 62.9 पर पहुंच गया। नए ऑर्डर और उत्पादन में तेजी ने यह संकेत दिया कि सेवा क्षेत्र भी मजबूत और विस्तारशील है। कीमतों की बढ़ोतरी ने मांग में इजाफा किया और उत्पादन शुल्क में तेज वृद्धि को संभव बनाया।

ऑटो एक्सपोर्ट में बढ़त

अगस्त में ऑटोमोबाइल सेक्टर ने भी बढ़त दिखाई। मारुति सुजुकी का निर्यात 40.51 प्रतिशत बढ़कर 36,538 यूनिट्स पर पहुंच गया। रॉयल इंफील्ड का निर्यात 39 प्रतिशत बढ़कर 11,126 यूनिट्स हो गया। महिंद्रा की कारों का निर्यात 16 प्रतिशत बढ़ा और अशोक लेलैंड का एक्सपोर्ट लगभग 70 प्रतिशत बढ़कर 1,617 यूनिट्स पर पहुंचा। बजाज ऑटो का निर्यात 25 प्रतिशत बढ़कर 1,57,778 यूनिट्स हो गया।

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