तमिलनाडु की सियासत में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। टीटीवी दिनाकरन (TTV Dhinakaran) की पार्टी अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कड़गम (AMMK) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है।
कडलूर: तमिलनाडु की राजनीति में विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। टीटीवी दिनाकरन के नेतृत्व वाली अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कड़गम (AMMK) ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है। दिनाकरन ने बीजेपी पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी अब इस गठबंधन का हिस्सा नहीं रहेगी।
गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में AMMK ने दो सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली थी। अब जबकि 2026 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में यह फैसला राज्य की सियासत को नया मोड़ दे सकता है।
दिसंबर में नई रणनीति का ऐलान करेगी AMMK
कडलूर जिले के कट्टुमन्नारकोइल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए टीटीवी दिनाकरन ने कहा कि उनकी पार्टी दिसंबर 2025 में अपनी अगली राजनीतिक रणनीति का खुलासा करेगी। हालांकि, उन्होंने फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया कि आगे AMMK किसी नए गठबंधन की ओर जाएगी या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी।
दिनाकरन ने कहा, हमारी पार्टी AMMK की स्थापना ही धोखे और अन्याय के खिलाफ हुई थी। हमें उम्मीद थी कि दिल्ली से सकारात्मक फैसले आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमने कई महीनों तक इंतजार किया, पर अब साफ है कि NDA में हमारे लिए कोई जगह नहीं है।
BJP पर लगाए गंभीर आरोप
दिनाकरन ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनकी पार्टी “मूर्ख” नहीं है जो लगातार दूसरों को अपने कंधों पर ढोती रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने AMMK को बार-बार भरोसे में लेने का वादा किया, लेकिन वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनके मुताबिक इस “धोखे” के पीछे कौन लोग हैं।
अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कड़गम (AMMK) का गठन साल 2018 में हुआ था। उस समय टीटीवी दिनाकरन, जो पहले अन्नाद्रमुक (AIADMK) के वरिष्ठ नेता थे, पार्टी से निष्कासित कर दिए गए थे। इसके बाद उन्होंने जयललिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के दावे के साथ अपनी नई पार्टी बनाई। AMMK का मकसद तमिलनाडु की जनता के अधिकारों की रक्षा करना और उनकी आवाज को बुलंद करना बताया गया।
लोकसभा चुनाव 2024 में कैसा रहा प्रदर्शन?
AMMK ने 2024 के लोकसभा चुनावों में NDA के साथ मिलकर दो सीटों – थेनी और तिरुचिरापल्ली – से चुनाव लड़ा था। खुद दिनाकरन ने थेनी से उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दोनों ही सीटों पर AMMK को निराशा हाथ लगी और पार्टी को कोई सफलता नहीं मिली। इस हार के बाद से ही पार्टी में असंतोष और नई रणनीति की चर्चाएं तेज हो गई थीं।
तमिलनाडु में NDA के लिए यह झटका अकेला नहीं है। हाल ही में अन्नाद्रमुक (AIADMK) से निष्कासित नेता ओ. पन्नीरसेल्वम (O. Panneerselvam) ने भी अपनी पार्टी को NDA से अलग कर लिया था। अब AMMK का बाहर होना बीजेपी के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि दक्षिण भारत में पार्टी पहले से ही अपने जनाधार को मजबूत करने के लिए संघर्ष कर रही है।
वर्तमान में NDA की कमान तमिलनाडु में AIADMK के हाथों में है। हालांकि, बीजेपी और AIADMK के रिश्ते भी उतार-चढ़ाव से भरे रहे हैं। साल 2023 में दोनों पार्टियां अलग हो गई थीं, लेकिन अप्रैल 2024 में फिर से साथ आ गईं। अब AMMK और OPS की पार्टी के NDA से बाहर होने के बाद बीजेपी की स्थिति कमजोर होती दिख रही है।