GST काउंसिल की 56वीं बैठक में 12% और 28% स्लैब खत्म कर केवल 5% और 18% स्लैब रखे गए हैं। इससे दवाइयां, शिक्षा, खाद, दूध, जूते-कपड़े, रोजमर्रा का सामान और इलेक्ट्रिक गाड़ियां सस्ती होंगी। वहीं, कोयला, पान मसाला, सिगरेट, लग्जरी सामान और चीनी मिले पेय महंगे होंगे। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
GST Council Meeting: नई दिल्ली में 3 सितंबर को हुई GST काउंसिल की 56वीं बैठक में देश के टैक्स सिस्टम में बड़ा बदलाव किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में 12% और 28% वाले स्लैब खत्म कर केवल 5% और 18% स्लैब रखने का फैसला हुआ। इसके चलते शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद, फूड और उपभोक्ता सामान सस्ते होंगे, जबकि कोयला, लग्जरी प्रोडक्ट्स, पान मसाला, सिगरेट और शक्कर मिले पेय महंगे होंगे। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर राहत
सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं और सामान को सस्ता करने का बड़ा फैसला लिया है। जीवनरक्षक दवाइयों और मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत या शून्य कर दिया गया है। पहले इन पर 12 या 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था। इसी तरह किताबें, शैक्षणिक सामग्री और लर्निंग एड्स को भी अब 5 प्रतिशत या शून्य टैक्स वाले स्लैब में रखा गया है।
किसानों के लिए खुशखबरी
कृषि क्षेत्र से जुड़े सामानों पर टैक्स में कटौती की गई है। खाद पर अब सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा जबकि पहले यह 12 या 18 प्रतिशत था। बीज और फसल पोषक तत्वों पर भी जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे खेती की लागत घटेगी और किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।
खाने-पीने के सामान होंगे सस्ते
मिल्क प्रोडक्ट्स जैसे यूएचटी दूध अब पूरी तरह टैक्स-फ्री हो गए हैं। मक्खन, घी, पनीर और चीज पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। पैक्ड फूड प्रोडक्ट्स जैसे बिस्किट, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, चॉकलेट और कोको प्रोडक्ट्स पर अब सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
मेवे और ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम, पिस्ता और खजूर पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। मिठाई, टॉफी और कैंडी जैसे कन्फेक्शनरी प्रोडक्ट्स भी अब सस्ते हो जाएंगे। वनस्पति तेल, मीट प्रोडक्ट्स, मछली उत्पाद और नमकीन पर भी टैक्स घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
पानी और पेय पदार्थ
नेचुरल मिनरल वाटर और एरेटेड वाटर (बिना चीनी या फ्लेवर वाले) पर अब 18 प्रतिशत की जगह सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। यानी अब पैक्ड पानी और कुछ ड्रिंक्स पहले से सस्ते हो जाएंगे।
कपड़े और जूते होंगे सस्ते
कपड़ों और जूतों पर पहले 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था लेकिन अब इसे घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे फैशन और लाइफस्टाइल से जुड़े उत्पाद आम लोगों की पहुंच में और आसान हो जाएंगे।
इलेक्ट्रॉनिक्स और गाड़ियां
दैनिक उपयोग में आने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। छोटी कारें, हाइब्रिड गाड़ियां, तीन पहिया वाहन और कुछ खास श्रेणी की डीजल-पेट्रोल कारें भी अब 18 प्रतिशत टैक्स वाले स्लैब में आ गई हैं।
इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन कारों पर अब सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। ट्रैक्टरों पर भी टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।
अन्य सामान होंगे किफायती
रिन्यूएबल एनर्जी उत्पाद, निर्माण सामग्री, खेल का सामान, खिलौने और हस्तशिल्प पर भी अब सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। इससे इन सेक्टरों में कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
क्या होगा महंगा
हालांकि सभी चीजों पर राहत नहीं दी गई है। कोयले पर पहले 5 प्रतिशत टैक्स लगता था लेकिन अब यह 18 प्रतिशत हो गया है। इससे बिजली उत्पादन और कोयला आधारित उद्योगों पर असर पड़ेगा।
पान मसाला, गुटखा, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर ऊंचा टैक्स और मुआवजा सेस पहले की तरह जारी रहेगा। अब इनका मूल्यांकन लेन-देन की कीमत की जगह रिटेल सेल प्राइस पर होगा। इससे इनकी कीमत और बढ़ जाएगी।
जिन पेय पदार्थों में चीनी, फ्लेवर या स्वीटनर मिलाया जाता है, उन पर टैक्स 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। लग्जरी सामानों जैसे प्रीमियम शराब, सिगरेट और हाई-एंड कारों पर भी 40 प्रतिशत टैक्स लागू रहेगा।
रेस्टोरेंट सेक्टर में भी बदलाव किया गया है। कुछ निर्धारित जगहों पर चलने वाले रेस्टोरेंट अब 18 प्रतिशत जीएसटी देंगे लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं ले पाएंगे। इसके अलावा लॉटरी और बिचौलिया सेवाओं पर नए मूल्यांकन नियम लागू होंगे, जिससे टैक्स का बोझ बढ़ सकता है।