राजस्थान विधानसभा में जयपुर में एम्स की तर्ज पर सुपर स्पेशियलिटी राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की स्थापना को मंजूरी मिली। 40 एकड़ भूमि पर बनने वाला यह अस्पताल अगले दो साल में विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ तैयार होगा।
जयपुर: राजस्थान की जनता को चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। प्रदेश की राजधानी जयपुर में अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) की स्थापना होगी। राजस्थान विधानसभा में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित होने के बाद इस परियोजना को आधिकारिक मंजूरी मिल गई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने विधानसभा में ऐलान किया कि रिम्स के बनने से प्रदेश चिकित्सा सुविधाओं के क्षेत्र में नई पहचान स्थापित करेगा। उनका कहना था कि यह संस्थान न केवल आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र बनेगा, बल्कि आने वाले समय में राजस्थान को मेडिकल टूरिज्म का नया हब भी बनाएगा।
40 एकड़ जमीन पर बनेगा नया रिम्स अस्पताल
सरकार की योजना है कि रिम्स को जयपुर में 40 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था पहले ही कर दी गई है। रिम्स का डिजाइन और सुविधाएं इस तरह से तैयार की जाएंगी कि यह एम्स दिल्ली जैसी विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाओं को टक्कर दे सके।
यहां सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं जैसे हृदय रोग, न्यूरो साइंसेज, कैंसर उपचार, आर्थोपेडिक्स और लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अब तक इन सेवाओं के लिए मरीजों को दिल्ली, मुंबई या अन्य राज्यों का रुख करना पड़ता था, लेकिन रिम्स बनने के बाद ये सभी सुविधाएं राजस्थान में ही मिल सकेंगी।
रिम्स में गरीबों को मिलेगा मुफ्त इलाज
राजस्थान सरकार ने स्पष्ट किया है कि रिम्स का उद्देश्य केवल अत्याधुनिक सेवाएं उपलब्ध कराना ही नहीं, बल्कि आमजन को सस्ती और सुलभ चिकित्सा प्रदान करना भी है। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सरकारी योजनाओं के पात्र लाभार्थियों को यहां निशुल्क उपचार उपलब्ध होगा।
इसके चलते अन्य सरकारी अस्पतालों का दबाव भी कम होगा और मरीजों को बेहतर वातावरण में इलाज मिल पाएगा। इसके अलावा रिम्स को एक स्वायत्त संस्थान के रूप में संचालित किया जाएगा, जिससे इसकी कार्यप्रणाली तेज और प्रभावी हो सकेगी।
दो साल में पूरी तरह तैयार होगा रिम्स
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने विधानसभा में भरोसा दिलाया कि रिम्स अगले दो वर्षों के भीतर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इसके लिए निर्माण और अधोसंरचना से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा।
इस दौरान न केवल अस्पताल का निर्माण होगा बल्कि आधुनिक प्रयोगशालाएं, मेडिकल कॉलेज, रिसर्च सेंटर और डॉक्टर्स के प्रशिक्षण संस्थान भी विकसित किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि यह संस्थान प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार और रिसर्च के नए अवसर लेकर आएगा।
रिम्स से राजस्थान बनेगा मेडिकल टूरिज्म हब
विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान यह बात भी सामने आई कि रिम्स के बनने से राजस्थान मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बनाएगा। यहां आने वाले मरीज केवल राज्य के ही नहीं होंगे, बल्कि देश और विदेश से भी लोग जयपुर में इलाज के लिए आएंगे।
जयपुर पहले से ही एक पर्यटन केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। जब यहां अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं भी उपलब्ध होंगी, तो यह शहर स्वास्थ्य और पर्यटन दोनों क्षेत्रों में एक मजबूत केंद्र बन जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।