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भारत माफी मांगनी होगी... अमेरिका के वाणिज्य मंत्री का विवादित बयान, BRICS पर भी साधा निशाना

भारत माफी मांगनी होगी... अमेरिका के वाणिज्य मंत्री का विवादित बयान, BRICS पर भी साधा निशाना

भारत और अमेरिका के बीच तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणी के बाद अब उनके करीबी और अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने भारत को लेकर कड़े बयान दिए हैं। 

वॉशिंगटन: अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने रूस से तेल खरीद और व्यापार के मुद्दे पर भारत को कठोर संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारत को अंततः अमेरिका से माफी मांगनी होगी, अपना बाजार खोलना होगा, रूसी तेल की खरीद बंद करनी होगी और ब्रिक्स से दूरी बनानी होगी। लुटनिक ने यह बयान डोनाल्ड ट्रंप के उस पोस्ट के बाद दिया, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने भारत को रूस और चीन के पक्ष में खो दिया है। 

ट्रंप के भारत पर लगाए गए टैरिफ का समर्थन करते हुए लुटनिक ने ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा कि भारत की मौजूदा नीतियां महज दिखावा हैं और अंततः भारत को अमेरिका के सामने झुकना पड़ेगा।

ट्रंप की टिप्पणी के बाद तीखा बयान

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि अमेरिका ने भारत और रूस को "चीन के हाथों खो दिया है"। इसके तुरंत बाद ब्लूमबर्ग से बातचीत में वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि भारत को अपने वर्तमान रुख पर पछताना पड़ेगा और उसे अमेरिका से माफी मांगनी होगी। लुटनिक ने यह भी कहा कि भारत को अमेरिकी हितों के खिलाफ कदम उठाने से बचना चाहिए और विशेषकर रूस से तेल खरीदना पूरी तरह गलत है। उन्होंने ट्रंप के भारत पर लगाए गए टैरिफ का जोरदार समर्थन किया और कहा कि भारत दबाव में आकर बातचीत की मेज पर लौटेगा।

लुटनिक ने अपने बयान में कहा, मुझे उम्मीद है कि भारत माफी मांगेगा और अगले एक-दो महीनों में अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता फिर शुरू करेगा। 50% अमेरिकी टैरिफ से परेशान भारतीय कारोबारी अपनी सरकार को बातचीत के लिए मजबूर कर देंगे। उनके मुताबिक, अमेरिकी डॉलर को सपोर्ट करना भारत की जिम्मेदारी है क्योंकि BRICS जैसे समूह डॉलर के विकल्प तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में अमेरिका का साथ देना चाहिए, न कि विरोधियों का।

हॉवर्ड लुटनिक ने विशेष रूप से BRICS का जिक्र करते हुए कहा कि यह समूह अमेरिकी डॉलर का विकल्प तैयार करने की कोशिश कर रहा है, जो अमेरिका के लिए खतरा है। उन्होंने तर्क दिया कि भारत को BRICS की रणनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए और वॉशिंगटन को समर्थन देना चाहिए।

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