उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव 2026 के लिए वोटर लिस्ट सुधार में AI के इस्तेमाल पर सवाल उठाने के बाद, CEO UP ने अखिलेश यादव को स्पष्ट किया कि यह पहल भारत निर्वाचन आयोग से नहीं, बल्कि राज्य निर्वाचन आयोग से संबंधित है। आयोग ने 18,000 शपथपत्रों की जांच पर भी स्थिति स्पष्ट की।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव 2026 को लेकर मतदाता सूची में सुधार के लिए AI (Artificial Intelligence) के इस्तेमाल को लेकर चल रही बहस अब और स्पष्ट हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाए थे। चार दिन बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रतिक्रिया दी और वोटर सूची सुधार प्रक्रिया के संबंध में आम जनता और मीडिया में फैले भ्रम को दूर किया।
अखिलेश यादव ने वोटर लिस्ट अपडेट पर आयोग पर सवाल उठाए
1 सितंबर को अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कहा कि आयोग AI की मदद से वोटर लिस्ट सुधार रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि 18,000 एफ़िडेविट के जवाब देने में आयोग संक्षिप्त रहा और शेष 17,986 के जवाब क्यों नहीं दिए गए।
उनका पोस्ट वायरल हुआ और इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को सार्वजनिक रूप से सफाई देनी पड़ी। अखिलेश यादव का यह ट्वीट राज्य और देश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना।
राज्य आयोग ने AI से वोटर लिस्ट सुधार पर सफाई दी
5 सितंबर को राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। आयोग ने स्पष्ट किया कि AI के इस्तेमाल से मतदाता सूचियों में विद्यमान त्रुटियों को पहचानकर सुधार किया जाएगा, लेकिन यह भारत निर्वाचन आयोग से संबंधित नहीं है।
राज्य आयोग ने बताया कि वह पंचायतीराज संस्थाओं और नगरीय निकायों के चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार करता है। वहीं, भारत निर्वाचन आयोग लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद के चुनावों की देखरेख करता है। CEO UP ने कहा कि आम जनता और मीडिया में अक्सर इन दोनों आयोगों के कार्य में अंतर स्पष्ट नहीं होता।
18,000 एफ़िडेविट विवाद पर आयोग की सफाई
राज्य निर्वाचन आयोग ने अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए 18,000 मतदाता एफ़िडेविट के आरोपों पर विस्तार से जवाब दिया। आयोग ने स्पष्ट किया कि 4 सितंबर 2025 तक वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले दर्ज शिकायतों के मूल शपथ पत्र न तो मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश के पास आए और न ही संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्राप्त हुए।
आयोग ने कहा कि जैसे ही ये मूल शपथ पत्र प्राप्त होंगे, तत्काल जाँच और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद ही जनता को पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। यह कदम चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है।
राज्य आयोग ने कहा AI से वोटर सूची सुधारे जाएंगे
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि AI का इस्तेमाल मतदाता सूची में मौजूद मानवीय त्रुटियों और अनजानियों को पहचानने और उन्हें सुधारने के लिए किया जाएगा। यह तकनीक न केवल समय की बचत करेगी बल्कि सूचना की शुद्धता और पारदर्शिता बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
CEO UP ने यह भी स्पष्ट किया कि AI के माध्यम से सूची सुधार प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग से संबंधित नहीं है। यह केवल उत्तर प्रदेश के पंचायत और नगर निकाय चुनावों तक सीमित है।