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भारत ने तुर्की के खिलाफ शुरू की ट्रेड स्ट्राइक, व्यापारियों ने सेब और मार्बल का किया बहिष्कार

भारत ने तुर्की को आर्थिक जवाब देना शुरू कर दिया है। पुणे के व्यापारियों ने तुर्की से सेब खरीदना बंद कर दिया है, जबकि उदयपुर के मार्बल कारोबारी भी तुर्की से व्यापार रोकने का फैसला कर चुके हैं।

Trade-Strike: भारत में बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच, व्यापारियों ने पाकिस्तान के साथ खड़े तुर्की के खिलाफ आर्थिक मोर्चे पर कदम उठाया है। 'ट्रेड स्ट्राइक' का बिगुल बज चुका है, और अब भारतीय व्यापारी तुर्की से आयातित वस्तुओं का बहिष्कार कर रहे हैं। यह कदम तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद उठाया गया है। इससे यह साबित होता है कि अब भारत अपने विरोधियों को हर स्तर पर जवाब देने को तैयार है।

पुणे के व्यापारी: तुर्की से सेब का आयात बंद

भारत में तुर्की के खिलाफ बढ़ते आक्रोश का असर अब व्यापारों पर भी दिखने लगा है। महाराष्ट्र के पुणे के व्यापारी तुर्की से आयात होने वाले सेब का बहिष्कार कर रहे हैं। पुणे में हर साल तुर्की से करीब ₹1,000 से ₹1,200 करोड़ के सेब आते थे, लेकिन अब यह कारोबार ठप हो चुका है।

पुणे के एपीएमसी मार्केट के सेब व्यापारी सय्योग जेंडे ने बताया कि उन्होंने तुर्की से सेब मंगवाना पूरी तरह बंद कर दिया है। अब वे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ईरान और अन्य क्षेत्रों से सेब मंगवा रहे हैं। यह फैसला देशभक्ति और सरकार के समर्थन में लिया गया है।

ग्राहक भी तुर्की सेब का बहिष्कार कर रहे हैं। एक ग्राहक ने कहा, "जब तुर्की हमारे देश के खिलाफ खड़ा है, तो हम उसका सामान क्यों लें? हमारे पास देशी और दूसरे विकल्प हैं। सरकार को ऐसे देशों के उत्पादों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।"

उदयपुर के मार्बल कारोबारी: तुर्की से व्यापार बंद

इसी तरह, उदयपुर में एशिया के सबसे बड़े मार्बल हब के कारोबारी तुर्की से मार्बल का आयात बंद करने का फैसला कर चुके हैं। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के अध्यक्ष कपिल सुराना ने बताया कि कमेटी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि जब तक तुर्की पाकिस्तान का समर्थन करेगा, तब तक उससे व्यापार नहीं किया जाएगा।

कपिल सुराना के अनुसार, भारत में आयात होने वाले कुल मार्बल का लगभग 70% हिस्सा तुर्की से आता है। लेकिन अब यह आयात भी रोक दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "यह कदम तुर्की को जवाब देने के लिए नहीं, बल्कि भारतीय मार्बल उद्योग को एक नया अवसर देने के लिए भी है। जब तुर्की से आयात रुक जाएगा, तो स्वाभाविक रूप से भारत में उत्पादित मार्बल की मांग बढ़ेगी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।"

भारत की ट्रेड स्ट्राइक

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कई सालों से बना हुआ है, लेकिन तुर्की का पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करना भारत के लिए न सिर्फ कूटनीतिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी एक बड़ा मुद्दा बन गया है। अब तुर्की के साथ व्यापारिक रिश्तों पर सवाल उठने लगे हैं। भारत ने तुर्की से आयातित वस्तुओं का बहिष्कार करके यह दिखा दिया है कि वह अब केवल कूटनीतिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान और उसके समर्थकों को जवाब देने के लिए तैयार है।

तुर्की का पाकिस्तान का समर्थन भारतीय व्यापारियों के लिए एक सीधा संदेश है कि अब व्यापारियों का भी यह काम है कि वे तुर्की से आयातित वस्तुओं का बहिष्कार करें। इस कदम ने भारत के व्यापारिक वर्ग में एकजुटता पैदा की है।

क्या इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा?

जब तुर्की से आयातित सेब और मार्बल का कारोबार रुक जाएगा, तो यह भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ाने का एक बड़ा अवसर बनेगा। उदयपुर के मार्बल कारोबारी और पुणे के सेब व्यापारी मानते हैं कि इस कदम से भारतीय उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी। इससे स्थानीय खनन, कृषि और निर्माण उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

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