विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-पाक विवाद में किसी भी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। सरकार किसानों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और संघर्ष के मुद्दे पर स्पष्ट बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। जयशंकर ने यह भी बताया कि यह निर्णय केवल सरकार का नहीं बल्कि देश की राष्ट्रीय सहमति का हिस्सा है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जब बात किसानों के हित, व्यापार और रणनीतिक स्वायत्तता की आती है, तो सरकार पूरी तरह स्पष्ट है और किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। जयशंकर ने कहा कि यदि कोई भारत के इस रुख से असहमत है, तो उसे स्पष्ट करना चाहिए कि वह किसानों के हित और देश की सुरक्षा की रक्षा के लिए तैयार नहीं है।
ट्रंप के युद्धविराम के दावे और भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। उन्होंने कहा कि उन्होंने संभावित परमाणु युद्ध को रोका और दोनों देशों के बीच तनाव कम किया। हालांकि, भारत ने इन दावों को बार-बार खारिज किया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम का निर्णय किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से नहीं बल्कि दोनों देशों की सेनाओं के DGMO यानी Director General of Military Operations की बातचीत के जरिए हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संसद में स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर को रोकने का निर्णय पूरी तरह भारत का था और इसमें किसी विदेशी नेता की भूमिका नहीं थी।
ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान को हुए नुकसान
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर करीब 100 किलोमीटर तक घुसकर 9 आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया। इस अभियान में भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बनाया और उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया। बावजूद इसके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने शांति बनाए रखने की कोई पहल नहीं की। जयशंकर ने कहा कि भारत की कार्रवाई केवल सुरक्षा और आतंकवाद उन्मूलन के लिए थी और इसमें किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
भारत की रणनीतिक स्वायत्तता
विदेश मंत्री ने बताया कि भारत की राष्ट्रीय सहमति यही है कि किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता, सुरक्षा और किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि सरकार पूरी तरह तैयार है और राष्ट्रीय हितों के लिए किसी भी प्रकार की समझौता नहीं किया जाएगा।