Columbus

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में हरियाणा के वरुण चोपड़ा-मुस्कान भयाना ने दर्ज की खास पहचान, चीन में मिला बड़ा सम्मान

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में हरियाणा के वरुण चोपड़ा-मुस्कान भयाना ने दर्ज की खास पहचान, चीन में मिला बड़ा सम्मान

हरियाणा के वरुण चोपड़ा और पानीपत की मुस्कान भयाना को चीन में भारत-चीन सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाने में योगदान के लिए विशेष सम्मान मिला। नौ सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रही मुस्कान भयाना ने बताया कि आज भी चीन में डॉ. द्वारकानाथ कोटनीस और डॉ. बासु को “मसीहा” के रूप में याद किया जाता है।

Panipat News: चीन दौरे पर गए भारत-चीन सांस्कृतिक संबंधों को प्रोत्साहित करने वाले नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में हरियाणा के वरुण चोपड़ा और पानीपत की मुस्कान भयाना को विशेष सम्मान प्राप्त हुआ। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा देने के बीच आयोजित हुआ। मुस्कान भयाना ने वतन लौटकर अनुभव साझा करते हुए कहा कि चीन में आज भी डॉ. द्वारकानाथ कोटनीस और डॉ. बासु को “मसीहा” की तरह सम्मान दिया जाता है।

चीन दौरे में शामिल हुआ भारतीय प्रतिनिधिमंडल

भारत-चीन सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चीन पहुंचा, जिसमें हरियाणा की मुस्कान भयाना और दिल्ली के वरुण चोपड़ा भी शामिल थे। सात दिनों के इस दौरे में प्रतिनिधिमंडल ने कई ऐतिहासिक स्थलों का दौरा किया और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया।

आईआईटी जोधपुर की छात्रा मुस्कान भयाना ने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि भारत-चीन रिश्ते कितने गहरे हैं और भारतीयों को वहां कितना सम्मान प्राप्त है।

चीन में अब भी जीवित है डॉ. कोटनीस और डॉ. बासु की याद

प्रतिनिधिमंडल ने चीन के शांशी, हेबेई और बीजिंग प्रांतों का दौरा किया, जहां डॉ. द्वारकानाथ कोटनीस और डॉ. बासु के योगदान को श्रद्धांजलि दी गई। मुस्कान ने बताया कि चीनियों ने आज भी दोनों भारतीय डॉक्टरों को “भगवान” के रूप में याद कर रखा है।

जापान के हमले के दौरान दोनों डॉक्टरों ने हजारों लोगों का इलाज कर उनकी जान बचाई थी। इसी कारण चीन में भारतीयों को विशेष सम्मान दिया जाता है और भारत-चीन के बीच भावनात्मक संबंध और मजबूत होते हैं।

चीनी परंपरा के सम्मान से भावुक हुए भारतीय सदस्य

यात्रा के दौरान मुस्कान भयाना, वरुण चोपड़ा और डॉ. कोटनीस के परिवार के सदस्य डॉ. मंगेश को पारंपरिक चीनी उपहार देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान ऐतिहासिक रूप से सम्राटों को दिया जाता था, जिससे भारतीय प्रतिनिधिमंडल बेहद भावुक हो उठा।

मुस्कान ने कहा कि यह अनुभव साबित करता है कि चीन भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों को कितनी अहमियत देता है। यह सम्मान दोनों देशों के बीच आपसी भरोसे और रिश्तों की गहराई को दर्शाता है।

चीनी अधिकारियों से हुई मुलाकात

प्रतिनिधिमंडल को चीनी सरकार और Chinese People’s Association for Friendship with Foreign Countries (CPAFFC) ने आमंत्रित किया था। इस दौरान विदेश मंत्रालय समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की गई।

बैठकों में भारत-चीन की सांस्कृतिक समानताओं और साझा क्षेत्रों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुस्कान ने बताया कि चीन भारतीय चिकित्सा और मनोरंजन उद्योग को बेहद महत्व देता है और इन क्षेत्रों से भविष्य में रिश्ते और मजबूत होंगे।

Leave a comment