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भाषा विवाद पर गरजे राज ठाकरे: कहा- 'सीएम को हिंदी लाने की नहीं, मराठी सिखाने की सोचनी चाहिए'

भाषा विवाद पर गरजे राज ठाकरे: कहा- 'सीएम को हिंदी लाने की नहीं, मराठी सिखाने की सोचनी चाहिए'

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर भाषा विवाद को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने अपने बयान में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं मराठी भाषा को लेकर गलत दिशा में जा रही हैं।

Raj Thackeray: महाराष्ट्र में एक बार फिर भाषा को लेकर विवाद गरमा गया है। इस बार आवाज उठाई है महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने, जिन्होंने राज्य सरकार और विशेष रूप से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि सरकार हिंदी को बढ़ावा देने की बजाय बाहर से आने वालों को मराठी सिखाने पर ध्यान दे।

राज ठाकरे ने यह बयान शेतकरी कामगार पार्टी की वर्षगांठ के अवसर पर दिया, जहां वह विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। इस कार्यक्रम में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता संजय राउत भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री की सोच पर सवाल

राज ठाकरे ने कहा,

'महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री यह सोच रहे हैं कि राज्य में हिंदी कैसे लाई जाए, लेकिन यह नहीं सोच रहे कि बाहर से आने वाले लोगों को मराठी कैसे सिखाई जाए।'

उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब देश के गृह मंत्री स्वयं कहते हैं कि "मैं हिंदी भाषी नहीं, बल्कि गुजराती हूं," तो फिर राज ठाकरे को संकीर्ण सोच वाला क्यों कहा जाता है?

मराठी अस्मिता पर फिर से ज़ोर

राज ठाकरे लंबे समय से महाराष्ट्र में मराठी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट किया कि हम महाराष्ट्र में मराठी लोगों की पहचान और सम्मान के साथ उद्योगों का स्वागत करते हैं। परंतु यदि कोई उद्योग मराठी व्यक्ति की कब्र पर खड़ा किया जाएगा, तो हम उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

यह बयान उस पृष्ठभूमि में आया है जब राज्य सरकार ने जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) की तर्ज पर एक नया भूमि अधिनियम लागू किया है, जिससे सरकार को किसी भी परियोजना का विरोध करने वाले लोगों को गिरफ्तार करने का अधिकार मिल सकता है।

उद्योग लाना है तो मराठी सम्मान के साथ लाओ

राज ठाकरे ने राज्य सरकार की भूमि अधिग्रहण नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा,

'आप उद्योग लाना चाहते हैं, तो लाइए, लेकिन मराठी लोगों के सम्मान के साथ। यदि आप सिर्फ सड़कों के नाम पर जमीनें कब्जा करेंगे और फिर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाएंगे, तो यह स्वीकार्य नहीं होगा।'

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि यह सब चुनाव से पहले जनता को शांत कराने के लिए किया जा रहा है। राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य है, जिसकी पहचान मराठी भाषा और परंपराओं से जुड़ी है। 

हमें हमारी मातृभाषा और सांस्कृतिक जड़ों को खोने नहीं देना चाहिए। जब तक हमारी भाषा जीवित है, हमारी संस्कृति भी जीवित है। राज ठाकरे ने यह भी कहा कि मराठी केवल बोलचाल की भाषा नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और अस्तित्व की प्रतीक है।

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