बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले रणनीतिकार प्रशांत किशोर को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया। कारण, उनका नाम बिहार के करगहर और पश्चिम बंगाल के भबानीपुर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज होना। आयोग ने तीन दिन में जवाब देने को कहा है।
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनसुराज पार्टी के संस्थापक और रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) मुश्किल में आ गए हैं। उन्हें चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का कारण 2 अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में उनके मतदाता कार्ड (Voter ID) दर्ज होने का मामला है। चुनाव आयोग ने प्रशांत किशोर से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है।
क्या है मामला
चुनाव आयोग के अनुसार, प्रशांत किशोर का नाम बिहार के करगहर विधानसभा क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के भबानीपुर निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज पाया गया है। करगहर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अधीक्षक ने नोटिस में कहा कि प्रशांत किशोर के दो मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) हैं। यह भारतीय Representation of People Act, 1950 के तहत एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता पंजीकृत करने के प्रावधान का उल्लंघन है।

चुनाव आयोग ने नोटिस में स्पष्ट किया कि इस तरह के उल्लंघन में एक वर्ष की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसलिए, प्रशांत किशोर को निर्देश दिया गया है कि वह तीन दिनों के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करें और स्थिति स्पष्ट करें।
नोटिस में क्या कहा गया
चुनाव आयोग के नोटिस में लिखा गया है कि 28 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशांत किशोर का नाम बिहार के करगहर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची और पश्चिम बंगाल के भबानीपुर क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज है। करगहर में उनका मतदाता पहचान पत्र संख्या IUI3123718 है। आयोग ने तीन दिनों में जवाब मांगा है ताकि कानून के अनुसार कार्रवाई की जा सके।
बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है, लेकिन प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी (Janasuraj Party) ने भी अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। उनकी रैलियों में उमड़ रही भीड़ और लोगों की उत्सुकता ने पार्टी को चुनावी महौल में अहम खिलाड़ी बना दिया है।













