बिहार विधानसभा चुनाव से पहले RJD नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ महाराष्ट्र और यूपी में FIR दर्ज की गई। आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लिए सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर की।
Maharashtra: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की राजनीतिक मुश्किलें बढ़ गई हैं। शुक्रवार को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई। आरोप है कि तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और सोशल मीडिया पर अपमानजनक post शेयर की।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से बीजेपी विधायक मिलिंद रामजी नरोटे की शिकायत पर तेजस्वी यादव के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। इसके साथ ही यूपी के शाहजहांपुर में भारतीय जनता पार्टी की महानगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता की शिकायत पर भी FIR दर्ज की गई।
गढ़चिरौली में दर्ज FIR: सोशल मीडिया पोस्ट विवादित
गढ़चिरौली थाने में तेजस्वी यादव के खिलाफ धारा 196(1)(ए)(बी), 356(2)(3), 352 और 353(2) के तहत FIR दर्ज की गई। शिकायत में कहा गया कि 22 अगस्त को तेजस्वी यादव ने अपने एक्स (X) सोशल मीडिया handle से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
शिकायतकर्ता बीजेपी विधायक मिलिंद रामजी नरोटे ने कहा कि तेजस्वी यादव की इस post में प्रधानमंत्री की छवि को अपमानित करने का प्रयास किया गया। मामले में पोस्ट की कॉपी भी साक्ष्य के तौर पर संलग्न की गई।
यूपी में FIR: पीएम के खिलाफ अभद्र टिप्पणी का आरोप
तेजस्वी यादव के खिलाफ यूपी के शाहजहांपुर के सदर बाजार थाने में भी मामला दर्ज किया गया। शिकायतकर्ता शिल्पी गुप्ता ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ तेजस्वी यादव की अभद्र टिप्पणी पूरे देश के लिए आपत्तिजनक है। उन्होंने पुलिस से तेजस्वी यादव पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
शिकायत में कहा गया कि तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया post के जरिए न केवल प्रधानमंत्री की छवि को अपमानित किया, बल्कि राजनीतिक माहौल को भी उत्तेजित किया।
तेजस्वी यादव का विवादित पोस्ट क्या था?
22 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी के गयाजी दौरे से पहले तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक कार्टून पोस्ट किया। इस पोस्ट में पीएम मोदी को दुकानदार के रूप में दिखाया गया और दुकान के साइनबोर्ड पर लिखा था, "बयानबाजी की मशहूर दुकान"।
तेजस्वी यादव ने इस post में प्रधानमंत्री मोदी से बिहार में एनडीए के 20 साल और अपने 11 साल के शासन का हिसाब मांगा। सोशल मीडिया पर इस पोस्ट ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी और दोनों राज्यों में FIR दर्ज होने का आधार बना।