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बिलावल भुट्टो का अमेरिका पर बड़ा आरोप: आतंकवाद फैलाने की बताई वजह

बिलावल भुट्टो का अमेरिका पर बड़ा आरोप: आतंकवाद फैलाने की बताई वजह

अमेरिका दौरे पर पहुंचे बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं के लिए अमेरिका की अफगान नीति जिम्मेदार है। उन्होंने ट्रंप के कार्यकाल में हुए फैसलों को खतरनाक बताया।

Bilawal Bhutto: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी इन दिनों अमेरिका यात्रा पर हैं। अपने इस दौरे के दौरान उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में नया विवाद खड़ा कर दिया है। बिलावल ने पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद के लिए सीधे तौर पर अमेरिका की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की अफगानिस्तान नीति और वहां से सेना की जल्दबाजी में वापसी के कारण आतंकवादियों को ताकत मिली है, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी को बताया बड़ी चूक

बिलावल ने अपने बयान में वर्ष 2020 में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा तालिबान के साथ किए गए 'दोहा समझौते' का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने जिस जल्दबाजी में अफगानिस्तान से वापसी की, उसने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है। इस वापसी के दौरान अमेरिका अपने कई आधुनिक हथियार अफगानिस्तान में ही छोड़ गया, जो अब आतंकवादी संगठनों के हाथ लग गए हैं।

बिलावल का कहना है कि ये हथियार अब पाकिस्तान में सक्रिय आतंकियों के पास पहुंच चुके हैं। वे इनका इस्तेमाल पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के खिलाफ कर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा गंभीर खतरे में है।

अमेरिका की नीतियों पर उठाए सवाल

बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में अफगानिस्तान और आतंकवाद जैसे मुद्दे लगातार हावी रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका को इन मुद्दों पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है।

"हम हमेशा आतंकवाद, अफगानिस्तान और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर अमेरिका से बातचीत करते हैं। लेकिन अमेरिका की कई नीतियों ने पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। अब वक्त है कि दोनों देशों को मिलकर इस क्षेत्र में स्थिरता के लिए काम करना चाहिए," बिलावल ने कहा।

अपने देश की भूमिका पर साधी चुप्पी

बिलावल ने भले ही अमेरिका की नीतियों को लेकर कड़ी आलोचना की हो, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि कैसे दशकों तक पाकिस्तान की सरकारों ने अफगानिस्तान में तालिबान और अन्य कट्टरपंथी संगठनों को मदद दी।

इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान ने 1980 और 90 के दशक में अमेरिका से अरबों डॉलर की सहायता लेकर अफगान मुजाहिदीनों को ट्रेनिंग और हथियार मुहैया कराए थे। यही संगठन आगे चलकर तालिबान और अल-कायदा जैसे आतंकी नेटवर्क में तब्दील हो गए।

हथियारों के ब्लैक मार्केट पर चिंता जताई

बिलावल ने कहा कि अफगानिस्तान में छोड़े गए अमेरिकी हथियार अब ब्लैक मार्केट में बिक रहे हैं और ये अत्याधुनिक हथियार आतंकियों के पास पहुंच चुके हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि इन हथियारों की ताकत पाकिस्तान की पुलिस और सुरक्षाबलों से कहीं ज्यादा है।

"जब हमारे सुरक्षाबल आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, तो उनके पास ऐसे एडवांस हथियार होते हैं जो हमारी पुलिस के पास भी नहीं हैं। यह बेहद चिंताजनक है," बिलावल ने कहा।

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद तनाव बढ़ा

भारत द्वारा हाल ही में शुरू किए गए "ऑपरेशन सिंदूर" ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस ऑपरेशन में भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सर्जिकल और एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई से पाकिस्तान की छवि पहले से ही प्रभावित हुई है। ऐसे में बिलावल का यह बयान और भी विवादित बन गया है।

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