राजस्थान के प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले में इस बार एक खास घोड़ी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस घोड़ी का नाम नगीना है, जिसकी ऊंचाई 63.5 इंच बताई जा रही है। महज 31 महीने की उम्र में ही नगीना मेले की सबसे चर्चित घोड़ी बन गई है।
अजमेर: राजस्थान का पुष्कर पशु मेला 2025 इस बार एक खास घोड़ी की वजह से चर्चा में है। यह कोई साधारण घोड़ी नहीं, बल्कि ‘नगीना’ नाम की करोड़ों की मारवाड़ी घोड़ी है, जिसने पूरे मेले में सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। नगीना की कीमत एक करोड़ रुपए लगाई गई है और उसकी सुंदरता, चाल और रॉयल लुक लोगों को दीवाना बना रहे हैं।
‘नगीना’ बनी पुष्कर मेले की स्टार
पंजाब के भटिंडा जिले से आई यह घोड़ी 63.5 इंच ऊंची है और उसकी उम्र अभी केवल 31 महीने (ढाई साल से थोड़ी ज्यादा) है। बावजूद इसके, वह पूरे मेला ग्राउंड में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस शानदार घोड़ी की कीमत ₹1 करोड़ रखी गई है। अब तक कई लोग ₹55 लाख तक की बोली लगा चुके हैं, लेकिन मालिक इसे इतने में बेचने को तैयार नहीं हैं।
‘नगीना’ कोई साधारण घोड़ी नहीं है। वह पंजाब इंटरनेशनल हॉर्स शो में पांच बार विजेता रह चुकी है। उसकी चाल, स्टैमिना और मारवाड़ी नस्ल की राजसी शान उसे भीड़ में अलग पहचान दिलाती है। मारवाड़ी नस्ल भारत की सबसे प्रतिष्ठित अश्व नस्लों में से एक है, जिसे उसकी अद्वितीय कानों की बनावट, फुर्ती और वफादारी के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि ‘नगीना’ जैसे घोड़े पशु प्रेमियों और संग्राहकों के बीच करोड़ों में बिकते हैं।

मालिक गौरावाई की मेहनत और जुनून
‘नगीना’ के मालिक गौरावाई पिछले 15 वर्षों से पुष्कर मेला में आ रहे हैं। वे इस बार अपने साथ 30 प्रीमियम घोड़े लेकर पहुंचे हैं, जिनमें ‘नगीना’ सबसे चर्चित है। गौरावाई बताते हैं, नगीना हमारी शान है। यह घोड़ी जहां भी जाती है, सबका ध्यान खींच लेती है। इसे बेचने की हमारी कोई जल्दबाजी नहीं। एक करोड़ से कम में हम इसे नहीं बेचेंगे। उनके अनुसार, ‘नगीना’ के पिता का नाम दिलबाग और दादा का नाम काला कांटा है — जो दोनों ही पुरस्कार विजेता अश्व रह चुके हैं।
जानिए, क्या है ‘नगीना’ की खास डाइट
‘नगीना’ की डाइट उतनी ही स्पेशल है जितनी उसकी खूबसूरती। गौरावाई के अनुसार, हम इसे रोज़ एक बैलेंस्ड न्यूट्रिशन डाइट देते हैं। इसमें चना, सोयाबीन, कैल्शियम, जिंक, विटामिन, कॉपर आदि पोषक तत्वों का खास मिश्रण उबालकर खिलाया जाता है। इसके अलावा, ‘नगीना’ को रोज़ हल्की दौड़ और ट्रेनिंग दी जाती है ताकि उसकी फिटनेस और ऊर्जा बनी रहे। उसकी देखभाल के लिए एक समर्पित टीम भी रखी गई है, जो रोज़ाना उसकी ग्रूमिंग और स्वास्थ्य की जांच करती है।
राजस्थान का पुष्कर पशु मेला एशिया के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक है। यहां हर साल देशभर से हजारों की संख्या में ऊंट, घोड़े, गाय, भैंस और अन्य पशु खरीदे-बेचे जाते हैं। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घीया के मुताबिक, इस साल मेले में आने वाले पशुपालकों के लिए सभी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई हैं। पानी, बिजली और चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह निशुल्क हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार मेले में अब तक हजारों पशु पहुंच चुके हैं, जिनमें ऊंट वंश, गऊ वंश और अश्व वंश की प्रमुख नस्लें शामिल हैं।











