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दिल्ली में 47 लाख की ऑनलाइन ठगी का पर्दाफाश, 3 आरोपी गिरफ्तार 

दिल्ली में 47 लाख की ऑनलाइन ठगी का पर्दाफाश, 3 आरोपी गिरफ्तार 

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 47 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी का खुलासा किया है। चीनी मास्टरमाइंड टॉम के इशारे पर चल रहे इस नेटवर्क में तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए, जो फर्जी ट्रेडिंग वेबसाइट के जरिए निवेशकों से पैसे ठगते थे।

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग के नाम पर निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने ग्रेटर नोएडा से तीन आरोपियों — साहिल यादव, आर्यन और आशीष कुमार उर्फ जैक — को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि यह गिरोह एक चीनी नागरिक ‘टॉम’ के इशारों पर काम कर रहा था, जो टेलीग्राम के माध्यम से भारत में ठगी का नेटवर्क चला रहा था।

चार्टर्ड अकाउंटेंट से खुली ऑनलाइन ठगी

दिल्ली पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता एक चार्टर्ड अकाउंटेंट है, जिसे टेलीग्राम ग्रुप पर “Buy Day Sell Tomorrow” और “IPO Investment Scheme” के नाम पर निवेश करने के लिए फंसाया गया था। ग्रुप में उसे रोजाना फर्जी प्रॉफिट के आंकड़े दिखाए जाते थे ताकि भरोसा बनाया जा सके।

धीरे-धीरे आरोपी उसे बड़ी रकम लगाने के लिए प्रेरित करते रहे और दो महीनों में लगभग ₹47.23 लाख की ठगी कर ली। जब पीड़ित ने अपनी रकम निकालनी चाही, तो आरोपियों ने धमकाकर और धन मांगने शुरू कर दिए। तभी उसे एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुका है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर लाखों की ठगी

पुलिस जांच में सामने आया कि ठगों ने stockdurocaspitall.com नाम की फर्जी वेबसाइट बनाई थी, जो किसी वैध स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से मिलती-जुलती थी। निवेश की गई रकम कई बैंक खातों में ट्रांसफर कराई गई, जिनमें से एक था Bubai Instant Shop OPC Pvt. Ltd. — जो एक फर्जी कंपनी साबित हुई।

इस कंपनी का संचालन आरोपी साहिल यादव और आर्यन कर रहे थे, जबकि नेटवर्क का असली कंट्रोल आशीष कुमार उर्फ जैक के पास था। आरोपियों ने सात अलग-अलग बैंक खातों का इस्तेमाल करके ठगी की रकम को इधर-उधर घुमाया ताकि उसका पता न लगाया जा सके।

ग्रेटर नोएडा से साइबर ठगों की हुई गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस की साइबर टीम ने तकनीकी सर्विलांस, बैंक ट्रांजेक्शन ट्रेल और मोबाइल लोकेशन के जरिए आरोपियों का ठिकाना ग्रेटर नोएडा में ट्रेस किया। छापेमारी के बाद तीनों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनके पास से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और फर्जी बैंक पासबुक बरामद किए।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि चीनी नागरिक टॉम ने दिसंबर 2024 में इन्हें टेलीग्राम के जरिए भर्ती किया था। बदले में उन्हें प्रत्येक करोड़ रुपये के लेनदेन पर 1 से 1.5 प्रतिशत कमीशन देने का लालच दिया गया था। गिरोह ने अब तक दर्जनों निवेशकों को ठगा है।

चीनी कनेक्शन की तलाश में जुटी पुलिस

मुख्य आरोपी आशीष पहले भी भोपाल में साइबर फ्रॉड के एक केस में गिरफ्तार हो चुका है। इस बार उसने विदेशी नेटवर्क से जुड़कर ठगी का नया तरीका अपनाया। पुलिस अब उस चीनी मास्टरमाइंड ‘टॉम’ और अन्य सहयोगियों की तलाश कर रही है, जो विदेश में बैठकर भारत में साइबर ठगी के नेटवर्क चला रहे हैं।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा है कि यह मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा के लिए भी खतरा है। जांच एजेंसियां अब इंटरपोल की मदद से विदेशी लिंक की तह तक जाने की तैयारी कर रही हैं।

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