उत्तर प्रदेश सरकार ने शिंभावली चीनी मिल पर गन्ना पेराई रोकते हुए 20 हजार किसानों के 103 करोड़ रुपये बकाया भुगतान का आदेश दिया। किसानों को निकटवर्ती चार मिलों में गन्ना बेचने की अनुमति दी गई।
UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में हो रही लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की है। गोंडा-बहराइच मार्ग पर स्थित शिंभावली शुगर चीनी मिल चिलवरिया पर पिछले दो वर्षों से लगभग 20 हजार किसानों का 103 करोड़ रुपये बकाया था। योगी सरकार ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मिल पर इस सत्र में गन्ना पेराई रोकने का आदेश दिया। यह कदम किसानों के हित में उठाया गया है और अन्य चीनी मिलों के लिए भी स्पष्ट चेतावनी माना जा रहा है।
शिंभावली चीनी मिल पर रोक
शिंभावली शुगर चीनी मिल चिलवरिया पिछले दो साल से गन्ना किसानों को भुगतान करने में नाकाम रही है। मिल प्रशासन का दावा है कि कुछ मामलों की वजह से भुगतान लंबित है। लेकिन सरकार ने इसे गंभीर समस्या माना और आदेश जारी किया कि इस सत्र में मिल न तो गन्ना खरीदेगी और न ही पेराई करेगी। इससे मिल प्रशासन को अपनी जवाबदेही निभाने के लिए मजबूर किया जाएगा।
कितने किसानों का है बकाया
इस मिल पर लगभग 15 से 20 हजार किसानों का गन्ना बकाया है। बकाया राशि कुल 103 करोड़ रुपये है। यह पैसा किसानों को सरकारी मूल्य पर गन्ना बेचने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया। सरकार का कहना है कि अब तक मिल प्रशासन द्वारा भुगतान न किए जाने की वजह से किसानों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा है।
किसानों को राहत देने की योजना

शिंभावली चीनी मिल पर कार्रवाई के बाद सरकार ने आसपास की चार अन्य चीनी मिलों में किसानों का गन्ना बेचने की अनुमति दी है। इन चार मिलों में तुलसीपुर, बलरामपुर, जरवल रोड और नानापरा की चीनी मिलें शामिल हैं। यह कदम किसानों के हित में उठाया गया है ताकि उन्हें समय पर भुगतान मिल सके और उनकी आमदनी प्रभावित न हो।
सरकार का कठोर संदेश
इस कार्रवाई के माध्यम से यूपी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि गन्ना किसानों का भुगतान समय पर न करने वाली चीनी मिलों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह केवल चिलवरिया मिल के लिए ही नहीं बल्कि राज्य की सभी चीनी मिलों के लिए एक चेतावनी भी है। सरकार का संदेश है कि किसानों के हित और उनके भुगतान की सुरक्षा सर्वोपरि है।
जिले की अन्य चीनी मिलों की स्थिति
बहराइच जिले में कुल चार चीनी मिलें हैं। इनमें से केवल शिंभावली चीनी मिल पिछले दो वर्षों में किसानों का भुगतान नहीं कर सकी। बाकी मिलों ने नियमित रूप से गन्ना खरीद और भुगतान किया। सरकार ने स्पष्ट किया कि इस बार शिंभावली चीनी मिल को गन्ने का आवंटन नहीं किया जाएगा और क्षेत्र का गन्ना नजदीकी और नियमित भुगतान करने वाली मिलों में भेजा जाएगा।
गन्ना विभाग की ओर से निर्देश
जिला गन्ना अधिकारी आनंद शुल्क ने बताया कि इस फैसले से किसानों को राहत मिलेगी और उन्हें समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि शिंभावली चीनी मिल को अब गन्ने की पेराई की अनुमति नहीं होगी और किसानों को निकटवर्ती चार मिलों में अपना गन्ना बेचने की सलाह दी गई है।













