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BJP के नए मुख्यालय को लेकर विवाद, रोहित पवार ने लगाए गंभीर आरोप

BJP के नए मुख्यालय को लेकर विवाद, रोहित पवार ने लगाए गंभीर आरोप

महाराष्ट्र में BJP के नए मुख्यालय को लेकर विवाद बढ़ गया है। NCP-शरदचंद्र पवार गुट के नेता रोहित पवार ने भूमि आवंटन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए गहन जांच की मांग की है। उन्होंने प्रशासन की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए।

मुंबई: दक्षिण मुंबई में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए राज्य मुख्यालय की नींव रखे जाने के बाद राजनीतिक हलकों में विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (NCP-एसपी) के नेता रोहित पवार ने भूमि आवंटन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने नियमों को ताक पर रखकर भूमि हस्तांतरण किया और अब इस पूरे प्रकरण की गहन जांच जरूरी है।

रोहित पवार का आरोप 

रोहित पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि बीजेपी को दक्षिण मुंबई में जो जमीन मिली है, उसके आवंटन में कई नियमों की अनदेखी की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित अधिकारियों ने जानबूझकर प्रक्रियागत खामियों को नजरअंदाज किया क्योंकि यह जमीन सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालय के लिए थी।

पवार ने इसे सार्वजनिक संपत्ति से जुड़ा मामला बताते हुए कहा कि इस तरह के फैसले पारदर्शी तरीके से होने चाहिए। उनका कहना था कि “जब सत्ता में बैठे लोग अपने लिए अपवाद बनाने लगते हैं, तो प्रशासनिक विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग जाते हैं।”

रोहित पवार ने बीएमसी आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

NCP (एसपी) नेता ने बताया कि उन्होंने अपने पार्टी प्रतिनिधियों के साथ बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) आयुक्त भूषण गगरानी से मुलाकात की और भूमि आवंटन से जुड़ी विसंगतियों पर विस्तृत चर्चा की।

पवार ने कहा कि उन्होंने एक लिखित ज्ञापन में अपनी आपत्तियाँ दर्ज कराई हैं, जिसमें आवंटन प्रक्रिया, पट्टा शर्तों और हस्तांतरण की वैधता पर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि आयुक्त ने उन्हें जल्द ही विस्तृत लिखित स्पष्टीकरण देने का आश्वासन दिया है।

 पारदर्शिता पर सवाल और जांच की मांग

रोहित पवार ने कहा कि इस प्रकरण ने प्रशासन की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने बीएमसी से अनुरोध किया कि वह भूमि हस्तांतरण और पट्टे से जुड़ी सभी दस्तावेज़ सार्वजनिक करे ताकि नागरिक सच्चाई जान सकें।

उन्होंने लिखा, “यह मामला बहुमूल्य सार्वजनिक भूमि से जुड़ा है। जनता को जानने का अधिकार है कि यह सौदा कैसे हुआ और किन नियमों के तहत अनुमति दी गई।”

फडणवीस ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि चर्चगेट स्टेशन के पास स्थित भूखंड निजी स्वामित्व वाला है और इसे BJP ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए खरीदा है।

फडणवीस ने कहा, “यह जमीन किसी सरकारी कोष से नहीं मिली है। तमाम अनुमतियाँ नियमानुसार ली गई हैं, इसलिए विपक्ष का यह आरोप पूरी तरह राजनीतिक है।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्ध है और हर प्रक्रिया सार्वजनिक मानकों के अनुसार हुई है।

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