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BRICS बैठक में भारत की खास चाल! जानिए निर्मला सीतारमण ने क्या उठाया मुद्दा

BRICS बैठक में भारत की खास चाल! जानिए निर्मला सीतारमण ने क्या उठाया मुद्दा

इन बैठकों में वित्तीय सहयोग, ग्लोबल साउथ की भागीदारी, न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की भूमिका और जलवायु वित्त जैसे अहम विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। 

ब्राज़ील में आयोजित BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक में भारत की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों की वित्तीय प्राथमिकताओं और भविष्य की साझेदारियों पर फोकस करते हुए कई मुद्दों पर जोरदार बात रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत न सिर्फ ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि भारत इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

रूस के वित्त मंत्री से मुलाकात

सीतारमण ने रूस के वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव के साथ मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की सराहना की। उन्होंने इस बातचीत में दो बातों को खास तौर पर रेखांकित किया  वित्तीय क्षेत्र में आपसी सहयोग और नई विकास बैंक (NDB) में हो रहे बदलाव। भारत ने रूस की BRICS अध्यक्षता की सराहना की और यह भी दोहराया कि भारत साउथ-साउथ सहयोग को और मज़बूत करने की दिशा में सक्रिय है।

सीतारमण ने पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद रूस की ओर से मिले समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया और इस बात को रेखांकित किया कि भारत-रूस के संबंध ऐतिहासिक और स्थिर हैं।

ब्राजील से बढ़ते रिश्ते और COP30 की तैयारी

ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद से हुई बैठक में दोनों देशों के बीच बहुआयामी और गर्मजोशी भरे संबंधों की चर्चा हुई। इस दौरान जलवायु वित्त, COP30 सम्मेलन में सहयोग और वैश्विक मंचों पर ग्लोबल साउथ की आवाज़ को मज़बूती देने जैसे विषयों पर बातचीत हुई। सीतारमण ने संयुक्त राष्ट्र, G20, WTO, BRICS और IBSA जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भारत और ब्राज़ील के साझा रुख को भी जरूरी बताया।

भारत जनवरी 2026 में BRICS की अध्यक्षता ग्रहण करेगा और ऐसे में इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है।

चीन के साथ बातचीत

सीतारमण ने चीन के वित्त मंत्री लान फो’आन से भी मुलाकात की और समरकंद में एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) की पिछली बैठक को याद किया। बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत और चीन, दोनों ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं और इनकी भूमिका समावेशी वैश्विक विकास में बेहद अहम है।

सीतारमण ने कहा कि दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत और मानव संसाधन की ताकत को देखते हुए यह जरूरी है कि विकासशील देशों की आवाज़ को अंतरराष्ट्रीय बहस में सही प्रतिनिधित्व मिले। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक नीतियों को ग्लोबल साउथ की ज़रूरतों के अनुरूप ढालना समय की मांग है।

इंडोनेशिया के साथ UPI और पर्यटन पर चर्चा

इंडोनेशिया के उप वित्त मंत्री थॉमस जिवांडोनो से हुई बैठक में डिजिटल पेमेंट सिस्टम जैसे UPI और रूपे को विस्तार देने पर चर्चा हुई। इसके अलावा G20, मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक (MDB) सुधार, फिनटेक, और पर्यटन जैसे विषयों पर भी दोनों देशों के बीच बातचीत हुई।

सीतारमण ने भारत-इंडोनेशिया के वित्तीय संवाद को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की और कहा कि आने वाले समय में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को और बढ़ाने की दिशा में दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए।

NDB की बैठक में 'ग्लोबल साउथ' पर दिया गया फोकस

ब्राजील यात्रा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की 10वीं सालाना बैठक में भी हिस्सा लिया। इसमें उन्होंने ‘ग्लोबल साउथ के लिए एक प्रमुख बहुपक्षीय विकास बैंक’ विषय पर आयोजित गवर्नर्स सेमिनार में हिस्सा लिया। सेमिनार में भारत ने विकासशील देशों की प्राथमिकताओं, संसाधनों की समान हिस्सेदारी और वित्तीय पहुंच के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।

भारत की विदेश यात्रा का पूरा कार्यक्रम

सीतारमण 30 जून से 5 जुलाई 2025 तक स्पेन, पुर्तगाल और ब्राज़ील के आधिकारिक दौरे पर थीं। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के FFD4 सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया, NDB की सालाना बैठक में हिस्सा लिया और BRICS वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक में भाग लिया।

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